Coronavirus update : दुनिया से इतर वियतनाम में कोई मौत नहीं

पैसे और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में वियतनाम ने दृढ़ इच्छाशक्ति से जीता कोरोना से जंग -- कम पैसा और खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के बावजूद वियतनाम में कोरोना से एक भी मौत नहीं

Publish: Jun 02, 2020, 04:45 AM IST

courtesy : south china morning post
courtesy : south china morning post

कमजोर अर्थव्यवस्था होने के बावजूद वियतनाम ने कोरोना के खिलाफ सफल युद्ध लड़कर दुनियाभर के सारे ताकतवर देशों को हैरत में डाल दिया है। चीन से तकरीबन 1100 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करने वाले इस मुल्क में अबतक कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। वियतनाम में अबतक कुल 328 कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं, जिनमें 279 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके हैं। वहीं बाकियों का इलाज जारी है। 9.7 करोड़ आबादी वाले इस देश की सरकार ने कोरोना के मामले सामने आने के पहले ही इसके खिलाफ जंग का आह्वान कर दिया था। वियतनाम ने जनवरी अंत से ही चीन से सारे संपर्क तोड़े दिए थे।

दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित वियतनाम ने यह साबित कर दिया है कि बड़ी से बड़ी लड़ाई को ताकत व पैसों के बलबूते नहीं बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते जीती जा सकती है। चीन से 10 हजार किलोमीटर दूर के बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में जहां कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है वहीं, चीनी सीमा से सटे वियतनाम ने इस बीमारी से लगभग निजात पा लिया है। वियतनाम की कुल आबादी 9.7 करोड़ की है परंतु यहां अबतक कोरोना के मात्र 328 केस सामने आए हैं। जिनमें 279 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, वहीं इस महामारी से मरने वालों की संख्या शून्य है। इस देश में अब आम जनजीवन फिर से पटरी पर आ गया है। स्कूल, कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। गौरतलब है कि वियतनाम गरीब देशों की श्रेणी में आता है तथा यहां के लोगों की आय भी बेहद निम्न है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस देश में 10 हजार मरीजों पर मात्र 8 डॉक्टर हैं। जबकि दक्षिण कोरिया जैसे देश में यह आंकड़ा 24 है।

WHO के निर्देशों से पहले ही तैयार

वियतनाम सरकार ने इस महामारी के व्यापक संक्रमण और नुकसानों को पहले ही भांप लिया था। मौजूदा कम्युनिस्ट सरकार से विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा निर्देश जारी करने से पहले ही अपनी रणनीति तैयार कर ली थी जिसके तहत सबसे पहले उसने अपने नागरिकों को इस महामारी के खिलाफ जागरूक करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2020 के शुरुआत में ही सरकार ने राजधानी हनोई स्थित अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर वुहान से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया था। इस दौरान जिन यात्रियों का तापमान बढ़ा हुआ प्रतीत हुआ उसे तत्काल 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में भेजा गया। यहां पहला कोरोना केस 23 जनवरी को आया था जिसके बाद सरकार ने तत्काल चीन से सारे संपर्क तोड़ दिए थे। उस दौरान न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन और न ही चीन ने इस महामारी का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होने की पुष्टि की थी पर वियतनाम सरकार ने अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं आने दिया।

जंग का एलान

लूनर न्यू ईयर के मौके पर वियतनाम के प्रधानमंत्री ग्यूयेन तन ज़ूंग ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। उन्होंने इस दौरान प्रत्येक नागरिक, घर व संस्था को इस वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए दुर्ग बनने की अपील की थी। इस अपील के बाद वहां के नागरिकों में एकजुट होकर लड़ने की भावना पैदा किया नतीजन हर नागरिक ने इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दी थी।

गली-चौराहों पर जासूसों की फौज

स्वास्थ्य सुविधाएं उत्तम न होने की वजह से वियतनाम सरकार ने संक्रमितों और ट्रेवल हिस्ट्री वाले लोगों की पहचान के लिए देशभर में जासूसों की फौज लगा दी। इसमें सरकारी अधिकारी, सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता समेत आम नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने हर गांव, मोहल्लों पर नजरें रखी व संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी मीडिया और प्रशासन से साझा करते रहे।

कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर

आर्थिक मामलों में कमजोर इस देश के पास ज्यादा लोगों की टेस्टिंग के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं थे इसलिए उसने कांटेक्ट ट्रेसिंग पर ज्यादा जोर दिया। इस दौरान संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हर दूसरे, तीसरे व चौथे स्तर पर निगरानी रखी गयी। सरकार ने संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के संपर्क को भी खंगाला व उन्हें तत्काल 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया जिससे संक्रमण का फैलाव पूरी तरह से काबू में आया।

संक्रमण को लेकर सामाजिक जागरूकता

वियतनाम सरकार जहां एक ओर बाकी देशों से पहले ही इस संक्रमण को लेकर जागरूक थी वहीं उसने अपने नागरिकों को भी समय से पहले जागरूक करने का अभियान चलाया। इस अभियान में सरकार नियंत्रित मीडिया ने भी अपना योगदान दिया जिससे नागरिकों को समय पर जानकारी प्राप्त होती रहे। इस दौरान सरकार ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें हाथ धोने के सही और उत्तम तरीके से लोगों को अवगत कराया। अभियान के तहत सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट्स व जानकारियां साझा किए गए वहीं सड़कों पर इससे संबंधित पोस्टर्स भी लगाए गए।