मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द, सीएम ने कहा बच्चों को परीक्षा के मानसिक बोझ से मुक्ति

केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किए जाने के बाद राज्य सरकार का यह निर्णय सामने आया है।

Updated: Jun 02, 2021, 11:37 AM IST

Photo courtesy: aaj tak
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भोपाल। देशभर में फैले कोरोना संक्रमण का असर छात्रों की परीक्षा में भी पड़ा है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा कैंसिल होने के बाद अब मध्य प्रदेश में होने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वो बच्चों पर इस तनावपूर्ण दौर में और ज्यादा मानसिक बोझ नहीं डालना चाहते। 

सीएम के साथ शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की बैठक के बाद आज यह निर्णय लिया गया। मध्य प्रदेश में एमपी बोर्ड 10 वीं की परीक्षा पहले ही रद्द कर दी गई थी जबकि 12वीं की परीक्षा की तिथि घोषित करने को लेकर जल्द ही निर्णय होने वाला था। इसी बीच केंद्र द्वारा सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब मप्र बोर्ड की परीक्षा को भी रद्द किया गया है।

पहले यह तय किया गया था कि सामान्य परिस्थिति होने पर राज्य में 12वीं की परीक्षा आयोजित करायी जाएगी। इसको लेकर 5 जून के बाद एक बैठक होनी थी। बैठक में कोरोना संक्रमण की समीक्षा तथा परीक्षा कराए जाने की योजना पर विचार करना था। परीक्षा आयोजित होने से 20 दिन पूर्व सूचना जारी की जानी थी ताकि हड़बड़ी ना हो। सभी पेपर्स 15 दिन की समयावधि में ही कराए जाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब इसे निरस्त कर दिया गया है।

कोरोना के संकट के कारण कई राज्य सरकारों ने पहले ही बोर्ड एक्ज़ाम्स कैंसिल कर दिए हैं। और जब पहली जून को खुद देश के प्रधानमंत्री आकर बारहवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का ऐलान कर दिए तो बाकी राज्यों पर नैतिक दबाव भी है कि इन परीक्षाओं को कैंसिल कर दिया जाए। वैसे भी तमाम अभिभावक िस मुद्दे को लेकर पत्र लिखना और कोर्ट में याचिका दायर करने जैसे कदम पहले ही उठा चुके हैं। 

प्रधानमंत्री के फैसले के बाद सीबीएसई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक कक्षा दसवीं बोर्ड की तरह कक्षा बारहवीं के लिए भी ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तैयार किया जाएगा। अगर कोई विद्यार्थी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार किए गए परिणाम से संतुष्ट नहीं है, तो उसे परीक्षा देने का एक अवसर भी दिया जाएगा। स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा सभी विद्यार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।