BJP में शामिल होने के बाद सिंधिया ने हड़पी 20 हजार करोड़ रुपए की जमीन, CPIM का गंभीर आरोप

भगवान की जमीनें भी भूमाफियाओं को दे रही है शिवराज सरकार, लूट में सिंधिया परिवार भी शामिल, माकपा ने शिवराज सरकार और सिंधिया परिवार पर लगाए गंभीर आरोप

Updated: Jul 28, 2023, 06:12 PM IST

भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माकपा ने दावा किया है कि BJP में शामिल होने के बाद सिंधिया ने 20 हजार करोड़ की जमीनें हड़पी है। वहीं, शिवराज सरकार भगवान की जमीनें भी भूमाफियाओं को दे रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि, 'मध्य प्रदेश की जनता सिर्फ महाकाल कॉरिडोर में हुए 850 करोड़ रुपए के घोटाले से ही वाकिफ है, जबकि प्रदेश की भाजपा सरकार मंदिरों की हजारों करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीनों को भू माफियाओं और रसूखदार नेताओं को सौंप रही है। सिर्फ ग्वालियर संभाग में ही 1200 करोड़ रुपए की जमीनें भू माफियाओं और रसूखदार नेताओं को सौंपी गई हैं, इस लूट में सिंधिया घराना भी अछूता नहीं है।'

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माकपा नेता ने कहा कि, '1857 की विद्रोह की नेता लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर लगी गंगादास महाराज की सैंकड़ों बीघा भूमि अब भूमाफियाओं के कब्जे में है। प्रदेश भर में ऐसे 750 धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें आजादी से पहले सत्ता प्रतिष्ठानों ने जमीनें दान की थी। ग्वालियर के जगनापुरा हल्के में राम जानकी मंदिर की तीन एकड़ जमीन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एनके मोदी के नाम पर दर्ज हो गई है। मोदी का बेटा अंकुर मोदी शिवराज सरकार का अतिरिक्त महाधिवक्ता है। रायरू हल्के के ग्राम कुतवार में देवी जी के मंदिर की भूमि अनाम लोगों के नाम दर्ज है, जबकि बाबा कपूर दरगाह की जमीन पर रामदास प्यारेलाल का कब्जा दर्शाया जा रहा है। बहोड़ापुर के हनुमान मंदिर की जमीन अब आनंदपुर ट्रस्ट के नाम हो गई है।'
 
जसविंदर सिंह ने कहा है कि इस तरह के जमीन घोटाले ग्वालियर शहर के बीचों-बीच भी हो रहे हैं। निंबालकर की गोठ स्थित मंगलमूर्ति मंदिर की करोड़ों रुपए की जमीनों पर भी कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में शामिल होने के बाद अकेले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही 20 हजार करोड़ की जमीनें हड़पी हैं। भगवान के नाम पर चलने वाली सरकार भगवान के लिए आवंटित जमीनों को भी रसूखदारों और भू माफियाओं के हवाले कर रही है।
 
जसविंदर सिंह ने कहा है कि सरकार के राजस्व विभाग की मिलीभगत के बगैर यह बेशमीकती जमीनें भू माफियाओं के नाम दर्ज हो ही नहीं सकती हैं। अब तो धर्मस्व मामलों की मंत्री डांडिया से लेकर हिजाब तक न जाने कैसे-कैसे नफरत भरे बयान देती हैं, लेकिन भूमाफियाओं के कब्जे से जमीनें वापस लेने के मामले में चुप्पी साध लेती हैं। माकपा ने इन जमीनों को मुक्त कराने और भूमिहीनों के बीच बांटने की मांग करते हुए कहा कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और भू माफियाओं के राजनीतिक रिश्ते भी बेनकाब होने चाहिए।