मध्य प्रदेश में नर्सिंग परिक्षाओं पर रोक रहेगी बरकरार, तीन साल से नहीं हुई है नर्सिंग परिक्षाएं

मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले की सुनवाई हाई कोर्ट में चल रही है। अब हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को समन भेजा है।

Updated: Apr 28, 2023, 06:02 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं को लेकर शुक्रवार को ग्वालियर हाइकोर्ट की खंडपीठ में अहम सुनवाई हुई। नर्सिंग कालेजों की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआई अब प्रदेश के 375 नर्सिंग कालेजों की जांच करेगी। इस दौरान सीबीआइ ने पूर्व में जारी जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सीबीआई को 2020 से कालेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया।

दरअसल, 24 नर्सिंग कॉलेजों की जांच में छह में अनियमिताएं पाई गईं। वे तय मापदंडों पर वे सही नहीं पाए गए। वहीं पांच अन्य में भी कुछ न कुछ अनियमितताएं मिलीं। हाई कोर्ट के निर्देश पर अब मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी इस केस में पक्षकार बनाया गया। मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी। कोर्ट के अगले आदेश तक राज्य में नर्सिंग परिक्षाओं पर रोक जारी रहेगी।

यह भी पढ़ें: आयुष्मान भारत योजना में अरबों का घोटाला, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने की CBI जांच की मांग

बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले तीन साल से नर्सिंग परिक्षाएं नहीं हुईं हैं। नतीजतन नर्सिंग स्टूडेंट्स जो तीन साल पहले फर्स्ट ईयर में थे वे आज भी फर्स्ट ईयर में ही हैं। फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के कारण मामला हाईकोर्ट में लंबित है। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा न तो परीक्षा कराया जा रहा है और न ही नर्सिंग छात्र-छात्राओं का आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा रहा है। ताकि छात्र-छात्राएं अगले वर्ष की पढ़ाई कर सकें और उनका जो साल बर्बाद हुआ है उससे उन्हें राहत मिल सके।

स्टूडेंट्स एग्जाम कराने की मांग को लेकर प्रदेशभर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन भी कर रहे हैं, पर राज्य सरकार ने अबतक इसे गंभीरता से नहीं लिया है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार का दावा है कि नर्सिंग घोटाला व्यापम से भी ज्यादा बड़ा है। परमार का आरोप है कि करोड़ों के इस घोटाले में सीधे तौर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की संलिप्तता है।

यह भी पढ़ें: MP: भाजपा सरकार के खिलाफ नर्सिंग स्टूडेंट्स ने खोला मोर्चा, बजट के दूसरे दिन फूंका सीएम चौहान का पुतला

बीते दिनों मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस पूरे मामले में राज्य सरकार के रवैए को लेकर कहा कि कोर्ट को इस बात की हैरानी है कि आखिर कैसे लोग सरकार चला रहे हैं। कोर्ट ने बैकडेट में एमपी साइंस यूनिवर्सिटी के कॉलेजों को मान्यता देने को लेकर पूछा कि अगर इन कॉलेजों को मान्यता दे दी गई तो सीबीआई की जांच का क्या होगा? क्या इन दोनों ही चीजों का एक साथ चलना संभव है?