ग्वालियर में नमाज के लिए मस्जिद नहीं जा सकी बांग्लादेश टीम, पुलिस ने उपद्रवियों के आगे घुटने टेके

भारत और बांग्लादेश मैच को लेकर ग्वालियर में 144 धारा लगा दी गई है। ये निर्णय मैच और दोनों टीम की सुरक्षा को लेकर लिया गया है।

Updated: Oct 04, 2024, 06:16 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में 14 साल के लंबे अंतराल के बाद 6 अक्टूबर को होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है। हालांकि, कट्टरपंथी हिंदू संगठनों द्वारा विरोध के शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हिंदू महासभा से जुड़े उपद्रवियों के आगे पुलिस प्रशासन भी घुटने टेकते नजर आ रही है। ग्वालियर में बांग्लादेश की क्रिकेट टीम जुमे की नमाज के लिए मस्जिद नहीं पहुंच सका।

सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें ऐन मौके पर मस्जिद जाने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। जिसके बाद उन्हें होटल में ही नमाज अदा कराई गई। बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों और स्टाफ ने शुक्रवार को जुमा की नमाज अदा करने के मस्जिद जाने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे टीम को ग्वालियर के फूलबाग स्थित मोती मस्जिद ले जाने का प्लान था। लेकिन हिंदू महासभा के विरोध के बीच सुरक्षा कारणों से आखिरी समय पर ये कार्यक्रम रद्द हो गया।

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने शहर काजी को होटल में ही बुलाकर बांग्लादेश की टीम को नमाज अदा कराई। बांग्लादेश की टीम सिटी सेंटर स्थित होटल रेडिसन में ठहरी है। यहां किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं है। होटल के कर्मचारियों को भी स्पेशल पास दिए गए हैं। प्रैक्टिस पर आने-जाने के दौरान भी बांग्लादेश खिलाड़ियों की बस के आगे पीछे कड़ी सुरक्षा दी गई है।

दरअसल, कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठन बंगलादेश की टीम को बुलाने का जमकर विरोध कर रहे हैं। हिन्दू महासभा और अन्य संगठन एक महीने से यहां धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन जैसी गतिविधियों के जरिए विरोध जता चुके हैं। यहां तक कि पिच खोदने तक की धमकी तक दी जा चुकी है। इससे प्रशासन और पुलिस से लेकर गुप्तचर एजेंसियां भी सक्रिय हैं। हैरानी की बात ये है कि उपद्रवियों के साथ सख्ती करने की बजाए पुलिस उनके सामने घुटने टेकते नजर आ रही है। इस तरह की घटनाएं वैश्विक स्तर पर भारत की छवि खराब करती हैं।