महँगे डीज़ल का साइडइफेक्ट, ट्रांसपोर्टर 20-25 फीसदी बढ़ाएँगे मालभाड़ा, हर सामान होगा महंगा

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों का दिखने लगा असर, भोपाल की 700 से ज्यादा ट्रासंपोर्ट कंपनियों का फैसला, 20-25 फीसदी तक बढ़ाएंगे मालभाड़ा

Updated: Feb 23, 2021, 09:59 AM IST

Photo Courtesy: Prabhat khabar
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भोपाल। महंगे डीज़ल का वो साइडइफेक्ट आखिरकार नज़र आने लगा है, जिसकी आशंका जानकारों को लंबे समय से सता रही थी। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर भोपाल में ट्रांसपोर्टर्स ने माल भाड़ा बढ़ाने का फैसला किया है। माल भाड़े में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। है।

इससे पहले जून-2020 में माल भाड़ा 20 प्रतिशत बढ़ा था। ट्रांसपोर्ट संचालकों का कहना है कि पिछले आठ महीने में डीजल 10 रुपये महंगा हो गया है। जिसके बाद अब मालभाड़ा बढ़ाना उनकी मजबूरी है। भोपाल में डीजल 89 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। कीमतें रोजाना आसमान छू रही हैं, यही हाल रहा तो डीजल का रेट 90 रुपये पहुंचते देर नहीं लगेगी। यही वजह है कि अब ट्रांसपोर्टर्स अपने नुकसान की भरपाई के लिए ट्रांसपोर्ट की दरें बढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं।

अगर ऐसा होता है तो इसका असर आम लोगों की ज़रूरत की हर चीज़ पर पड़ेगा। क्योंकि आप तक पहुंचने वाला हर सामान कभी न कभी, कहीं न कहीं, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क से होकर ही गुज़रता है। इसका सीधा मतलब यह कि बढ़ा हुआ मालभाड़ा हर चीज के दाम में जोड़ा जाएगा, जिससे उनके दाम महंगे हो जाएंगे। दरअसल, देश की आर्थिक व्यवस्था की मामूली सी समझ रखने वाला व्यक्ति भी इस बात को अच्छी तरह  जानता है कि डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा तौर पर चौतरफा महंगाई के रूप में देखने को मिलता है। 

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही 700 से ज्यादा ट्रांसपोर्ट कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों में करीब 10 हजार से ज्यादा लोडिंग वाहन काम करते हैं। इनमें डंपर, ट्रक, ट्रॉला, कंटेनर समेत लोडिंग वाहन हैं। रोजाना करीब 400 ट्रक भोपाल और उसके आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया में लोड-अनलोड होते हैं।

भोपाल में सब्जियां औऱ फल उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा से आते हैं। दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और कर्नाटक से किराना, जूते, कपड़े, लोहा, दवाएं, सीमेंट, अनाज जैसी हजारों चीजें आती हैं। डीजल के आसमान छूते दामों का सीधा असर माल ढुलाई पर पड़ रहा है। ऐसे में ट्रांसपोर्टर ने 20 से 25 प्रतिशत माल ढुलाई बढ़ाने का फैसला किया है। संचालकों ने सरकार से अपील की है कि आगामी बजट में पेट्रोल डीजल पर लगने वाला वैट कम किया जाए जिससे जनता को थोड़ी राहत मिल सके।

मंगलवार को एक बार फिर डीज़ल के दाम में 35 से 38 पैसे की बढ़ोतरी कर दी गई है। ट्रांसपोर्टर्स की मानें तो डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन मालभाड़ा यथावत है। जिससे ट्रांसपोर्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर से वैट नहीं हटाया गया तो उनकी परेशानियां औऱ बढ़ जाएंगी।