हिंदी विश्वविद्यालय में बड़ा फर्जीवाड़ा, बीजेपी पदाधिकारी प्रोफेसर बन उठा रहे सैलरी

भोपाल स्थित हिंदी विवि में सत्ताधारी दल के दो नेता कर रहे प्रोफेसर की फर्जी नौकरी, बिना कॉलेज जाए उठा रहे हैं मासिक सैलरी, एनएसयूआई ने जताई आपत्ति

Updated: Oct 21, 2022, 09:00 AM IST

भोपाल। देश का पहला हिंदी विश्वविद्यालय अटल बिहारी वाजपेयी विवि से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। विवि के फंड से सत्ताधारी दल के दो नेताओं को सैलरी दिया जा रहा है। जबकि वे कभी क्लास नहीं लेते और पूरी तरह पार्टी और संगठन के काम में लगे रहते हैं। छात्र संगठन एनएसयूआई ने सबूतों के साथ इस बात का खुलासा किया है।

दरअसल, भाजपा के दो पदाधिकारी हिंदी विश्वविद्यालय गेस्ट फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें उपकृत करने के लिए विवि प्रशासन द्वारा गलत तरीके से उन्हें सैलरी दी जा रही है। जब इस बात की भनक एनएसयूआई को लगी तो कार्यकर्ताओं ने छात्रों से बातचीत कर सुबूत इकट्ठा किए। जिसमें यह सामने आया कि प्रियेश उपाध्याय भोपाल के पंचशील नगर मंडल अध्यक्ष हैं और संदीप श्रीवास्तव भाजपा की भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा जी के आधिकारिक पीआरओ हैं।

लेकिन दोनों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कागजों पर गेस्ट फैकल्टी बना रखा है। छात्र-छात्राओं ने बातचीत के दौरान बताया कि साल 2020 में संदीप श्रीवास्तव को तत्कालीन कुलपति ने बिना यूनिवर्सिटी आए सैलरी लेने और पार्टी विशेष के लिए काम करने के कारण हटा दिया था। लेकिन वर्तमान कुलपति के आने के बाद उन्हें फिर से नियुक्त कर दिया गया

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मोहित पटेल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को इसकी शिकायत कर उन्हें विवि से बर्खास्त करने की मांग की। ताकि विवि में किसी तरह राजनीतिक गतिविधियों का प्रभाव छात्र छात्राओं के भविष्य पर न पड़े। मोहित पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोनो प्रोफेसरों को तत्काल रूप से बर्खास्त नही किया गया तो एनएसयूआई विश्वविद्यालय में उग्र प्रदर्शन करेगी।