बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर का एक और विवादित बयान, बोलीं शराब पीकर पत्नी को पीटने वाले शूद्र

भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, मुझमें जिसे कमियां दिखती हैं गलती उसकी है, मैं तो राष्ट्र सेवा में लगी रहती हूं

Updated: Dec 28, 2020, 12:16 AM IST

Photo Courtsey : Live Law
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कुछ दिनों पहले दिए अपने शूद्र वाले विवादास्पद बयान पर सफाई देते हुए आज एक नया विवाद खड़ा कर दिया। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि जो व्यक्ति शराब पीकर अपनी पत्नी को पीटता है वह शूद्र है। प्रज्ञा के इस नए बयान से एक बार फिर बीजेपी की किरकिरी होती दिख रही है।

दरअसल, रविवार को भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्य प्रदेश राजपूत ग्राम पंचायत के बैनर तले बेटी बचाओ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि उनका बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रज्ञा ने अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए कहा, 'मैने कहा था कि जो राष्ट्र की रक्षा करे, वह क्षत्रिय है और जो शराब पीकर पत्नी को पीटे, धर्म ध्वज, भगवा और हिंदुत्व का अपमान करे, वह न तो क्षत्रिय हो सकता है न ही हिन्दू।'

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हम क्या राष्ट्रपति की जाति देखेंगे: प्रज्ञा ठाकुर

प्रज्ञा ठाकुर ने इस विवाद में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी घसीट लिया। भोपाल की बीजेपी सांसद ने दावा कि वह जब बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुई थीं, तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें कई बार फोन और मैसेज किया। वह मेरी स्वास्थ्य की चिंता कर रहे थे। रामनाथ कोविंद जिस पद पर हैं, क्या हम उसे जाति से जोड़ेंगे। मैं कभी जाति के बंधन को नहीं मानती। राष्ट्र की रक्षा के लिए जो साहस दिखाए मेरे लिए वह सैनिक है।

प्रज्ञा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सभी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है, चाहे वह संसद में दिया बयान हो, मीडिया को दिया बयान हो या कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही गई बात हो। उन्होंने कहा, दरअसल गलती उन लोगों की है जो मुझमें कमी देखते हैं। मैं तो हिंदुत्व और वसुधैव कुटुंबकम की बात करती हूं।' राजपूत समाज के जिस कार्यक्रम के दौरान प्रज्ञा ने यह बातें कही वहां बड़ी संख्या में तलवारें भी बेची जा रही थी।

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किस बयान पर सफाई दे रही थी प्रज्ञा

दरअसल, भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सीहोर में आयोजित क्षत्रिय महासभा के कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर शूद्र कहे जाने वाले समुदाय के बारे में विवादित बयान दिया था। प्रज्ञा ने था, 'हमारी धर्म व्यवस्था में चार वर्ण किए गए हैं- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। ब्राह्मण को ब्राह्मण कहो तो उसे बुरा नहीं लगता, क्षत्रिय को क्षत्रिय कहो तो उसे बुरा नहीं लगता, वैश्य को वैश्य कहो तो उसे भी बुरा नहीं लगता, लेकिन शूद्र को शूद्र कह दो तो उसे बुरा लग जाता है, क्योंकि उसमें नासमझी है, यह लोग समझ नहीं पाते।

प्रज्ञा के इस बयान को लेकर जमकर बवाल हुआ था। बीजेपी को भी खासी किरकिरी झेलनी पड़ी थी। बीजेपी के सहयोगी दल हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से कहा था कि वे प्रज्ञा ठाकुर को समझा दें। मांझी ने ट्वीट किया था कि, 'बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से आग्रह है कि अपनी बड़बोली सांसद प्रज्ञा ठाकुर को समझाएँ कि वह SC/ST समाज को अपमानित मत करें। प्रज्ञा ठाकुर हमें मत बताएं कि कौन शूद्र है और कौन आतंकवादी।'

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इससे पहले भी प्रज्ञा ठाकुर अपने भड़काऊ बयानों को लेकर सुर्खिर्यों में रही हैं। संसद में उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। तब विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उस बयान पर एतराज़ जाहिर करते हुए कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर ने भले ही अपने बयान के लिए माफी मांग ली हो, लेकिन वह व्यक्तिगत तौर पर उन्हें कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे।