शासकीय खर्चे पर न हो घोषित प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार, कांग्रेस ने CEC को दिए 17 बिंदुओं पर सुझाव

तीन दिवसीय भोपाल दौरे पर आई केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम से मुलाकात कर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि वोटिंग के बाद VVPAT से मतदाता को स्लिप दिया जाए जिसे मतदाता स्वयं बॉक्स में डाल सके।

Updated: Sep 04, 2023, 05:44 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

भोपाल। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर बहस छिड़ी हुई है। चुनाव तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सहित चुनाव आयोग की पूरी बेंच भोपाल दौरे पर है। यहां कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर 17 बिंदुओं पर सुझाव दिए। सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश के शासकीय अधिकारी व बीएलओ भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की बेंच से मुलाकात की। कांग्रेस ने 17 बिंदुओं पर आयोग को दिए सुझाव में वोटर लिस्ट में विसंगतियों, मतदाता सूची में कलर फोटो लगाने और मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही। इसके अलावा कांग्रेस डेलीगेशन ने कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्र में 1000 से कम वोट पर जीत- हार होती है वहां दोबारा मतगणना करने की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।

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कांग्रेस ने VVPAT से निकलने वाली पर्ची मतदाता के हाथों में देने की व्यवस्था की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि मतदान के समय वीवीपैट मशीन से मतदान की पुष्टि के संबंध में जो स्लिप निकलती है उसकी अवधि मात्र 7 सेकण्ड होती है उक्त क्षणिक अवधि में मतदाता स्पष्ट रूप से देख भी नहीं पाता कि उसने जो मतदान किया है वह प्रत्याशी को मतदान हुआ है जिसको उसने अपना मत दिया है। VVPAT मशीन से जो पर्ची निकलती है वह सीधे मशीन के नीचे रखे बक्शे में न गिरकर मतदाता को उसके हाथ में मिलना चाहिए वह उस पर्ची को देखकर अपने मतदान की संतुष्टि के उपरांत वहां रखे बक्शे में डालने का प्रावधान किया जाना चाहिए क्योंकि मतदाता का यह मौलिक अधिकार है कि उसे उसके द्वारा किये गये मतदान की उसको पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस दो बार सेवा वृद्धि ले चुके हैं और उनके कार्यकाल में निष्पक्ष चुनाव की संभावना नहीं है। इसलिए बैंस की सेवा समाप्त की जाए और योग्य अधिकारी को मुख्य सचिव नियुक्त कर निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं। कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि भाजपा ने 39 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं और मुख्यमंत्री द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी खर्चे पर कार्यक्रम किया जा रहे हैं। इसलिए आयोग को ऐसे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च में सरकारी खर्च की राशि को जोड़ना चाहिए। 

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कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि प्रत्याशियों के चुनाव खर्च के लिए जो रेट लिस्ट जारी होती है वह बाजार मूल्य से व्यावहारिक नहीं होती। इसलिए उसे बाजार मूल्य के आधार पर व्यावहारिक किया जाना चाहिए। चुनाव में लगाए जाने वाले होर्डिंग में अनुमति पत्र नहीं लगे होते हैं, इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में तीन से चार साल से अधिक समय से अधिकारी कर्मचारी डटे हुए हैं उन्हें हटाया जाए और निष्पक्ष चुनाव कराया जाए। विपक्षी दल ने ये भी कहा कि चुनाव घोषणा के तुरंत बाद नाम जोड़ने और काटने पर रोक लगाई जानी चाहिए और प्रत्याशियों की सुविधा के हिसाब से लाउडस्पीकर से प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए।