OPS की मांग को लेकर भोपाल की सड़कों पर उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता, पुलिस ने चलाया वॉटर कैनन
भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन का सहारा लेना पड़ा।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन, प्रमोशन, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब विपक्षी दल कांग्रेस भी खुलकर कर्मचारियों के समर्थन में आ गई है। कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के समर्थन में गुरुवार को कांग्रेस द्वारा राजधानी भोपाल में पैदल मार्च निकाला गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
कांग्रेस के इस पैदल मार्च का नेतृत्व कांग्रेस के सीनियर विधायक पीसी शर्मा कर रहे थे। गुरुवार दोपहर कर्मचारी संगठनों के साथ निकाले गए पैदल मार्च की शुरुआत पत्रकार भवन से हुई। ये सभी राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बिड़ला मंदिर के आगे ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं बीच झूमाझटकी भी हुई और पुलिस को इन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग भी करना पड़ा।
कांग्रेस के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर वाटर कैनन से कायर शिवराज का हमला...
— P. C. Sharma (@pcsharmainc) February 23, 2023
शांतिपूर्ण तरीक़े से कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, नियमितीकरण,DA,प्रमोशन सहित अतिथि शिक्षको की सभी मांगो को लेकर विंध्याचल भवन तक पैदल मार्च कर महामहिम राज्यपाल जी के नाम ज्ञापन सौपने जा रहे कांग्रेस1/2 pic.twitter.com/V6AZCH6Swq
प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा वाटर कैनन का उपयोग करने के बाद पूर्व मंत्री पीसी शर्मा मीडिया से बात करते हुए कहा कि कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। लेकिन सरकार पर इका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।हम उनकी मांगों के समर्थन में मंत्रालय तक जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें बीच में ही रोक दिया। हम चाहते थे कि उनके साथ राज्यपाल को ज्ञापन दें, जिसमें बजट सत्र के पहले राज्यपाल इनकी मांगों को अपने अभिभाषण में शामिल करें।
पीसी शर्मा ने पुलिस द्वारा वाटर कैनन के उपयोग को निंदनीय करार देते हुए कहा कि पुलिस सरकार के दबाव में ऐसा करती है। बता दें कि पुरानी पेंशन सहित संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, पेंशनर्स के डीए की राशि में वृद्धि और प्रमोशन सहित तमाम मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि, राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के बजाए आंदोलन को कुचलने में जुटी हुई है।