मध्य प्रदेश में करोड़ों का PHE घोटाला उजागर, 70 से ज्यादा फर्जी खातों से हुआ गबन

ग्वालियर के नगर निगम के पीएचई विभाग में बड़े घोटाले की खबर है। यहां के स्टाफ ने पहले 71 फर्जी खाते खोले और फिर उसमें 16 करोड़ 42 लाख रुपये जमा कर दिए। इसके बाद इसके भुगतान की राशि निकाल ली।

Updated: Aug 01, 2023, 06:38 PM IST

ग्वालियर। भाजपा शासित मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। नर्सिंग घोटाला, महाकाल लोक घोटाला और पटवारी भर्ती घोटाले के बाद PHE घोटाला सामने आया है। खास बात ये है कि ये घोटाला सरकार के वित्त विभाग ने ही पकड़ा है।

मामला ग्वालियर जिले के PHE विभाग का है जहां ऑडिट के दौरान वित्त विभाग ने पाया कि कुछ कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की राशि की बंदरबांट पिछले पांच साल से चल रही है। वेतन और भत्ते की राशि किसी बाहरी व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा था। वित्त विभाग के अधिकारियों के इसमें 16 करोड़ 42 लाख रुपये के गबन की बात कही है। 70 फर्जी खातों के माध्यम से ये गबन किया गया।

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शासन के निर्देश मिलने के बाद अधीक्षण यंत्री ग्वालियर मंडल वीके छारी ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच कमेटी 7 दिन में शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। चीफ इंजीनियर आर एल एस मौर्य के मुताबिक जो जानकारी वित्त विभाग ने पत्र के माध्यम से हमें भेजी है उसमें 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 33 रुपये के गबन की बात कही गई है।

वित्त विभाग ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों से ये फर्जीवाड़ा चल रहा था कुछ कर्मचारियों के वेतन और भत्ते किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किये जा रहे हैं। ऐसे करीब 70 खाते बताये गए हैं। भुगतान की जो निर्धारित प्रक्रिया है पैसा उसी के तहत ट्रांसफर हुआ है लेकिन खाता कर्मचारी का ना होकर किसी बाहरी व्यक्ति का है, ये कैसे हुआ ये अब जांच के बाद ही सामने आयेगा। इस पूरे घटनाक्रम में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है।