कष्ट हरो मामा, जय शिवराज मामा, चामुंडा मिल के मजदूरों ने उतारी सीएम शिवराज की आरती
देवास में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं चामुंडा स्टैंडर्ड मिल के मजदूर, बोले- हम मजदूरों का पैसा अटका हुआ है, हम सीएम की आरती उतार रहे ताकि वे हमारी विनती सुन लें

देवास। मध्य प्रदेश के देवास जिले में सरकार से गुहार लगाने का एक अनोखा तरीका देखा गया। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान की आरती उतारी गई। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने पूरे भजन कीर्तन के साथ मुख्यमंत्री का आरती उतारी। मजदूरों का कहना है कि शासन प्रशासन के लोग उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। ऐसे में वे सीएम शिवराज की आरती उतार रहे हैं ताकि वे प्रसन्न होकर कुछ ठोस कदम उठाएं।
सीएम के आरती उतारे जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि टेबल पर मुख्यमंत्री की बड़ी सी तस्वीर रखी हुई है। साथ में पूजन सामग्री भी है और एक मजदूर मुख्य पुजारी की तरह हाथ में कपूर से सजी थाल लेकर आरती कर रहे हैं। वहीं ईर्द-गिर्द खड़े दर्जनों की संख्या में लोग भगवान राम की आरती को सीएम शिवराज के नाम पर बनाकर लय के साथ गा रहे हैं।
कष्ट हरो मामा, जय शिवराज मामा, मजदूरों ने उतारी CM की आरती
— humsamvet (@humsamvet) December 2, 2021
देवास में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं चामुंडा स्टैंडर्ड मिल के मजदूर, बोले- हम मजदूरों का पैसा अटका हुआ है, हम सीएम की आरती उतार रहे ताकि वे हमारी विनती सुन लें@INCMP |#ShivrajSinghChouhan pic.twitter.com/r199OO62Oq
मजदूर गा रहे हैं कि "जय शिवराज मामा! हमारे कष्ट हरो मामा। जय शिवराज मामा।" रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सभी लोग देवास स्थित चामुंडा स्टैंडर्ड मिल के मजदूर हैं। मजदूरों ने मिल के ही गेट नंबर 11 पर बुधवार को सीएम का आरती किया था। मजदूरों का कहना है उन्हें पैसे नहीं मिले हैं और घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। मजदूरों के मुताबिक शासन-प्रशासन उनकी एक नहीं सुन रहा है। ऐसे में उन्होंने सीएम की आरती उतारा है ताकि सीएम इससे प्रसन्न होकर उनकी मदद करें।
यह भी पढ़ें: टंट्या मामा की ताबीज बांधने से भागेगा कोरोना, BJP मंत्री उषा ठाकुर ने दिया एक और दिव्य ज्ञान
मजदूर केशर सिंह गुर्जर ने स्थानीय पत्रकारों से कहा कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुखिया हैं और वही अब हमारा उद्धार कर सकतें हैं। इसलिए हमने उनकी आरती की हैं। सिंह के मुताबिक यह मिल 2013 में बंद हुई थी और तब से ही उनका पैसा अटका हुआ है। उन्होंने कहा की, 'कंपनी के मालिक ने शुरुआत में धीरे-धीरे सभी मशीनें बेच दी थी और अब जमीन भी बेच दी है। बावजूद हमारा हिसाब नहीं हुआ है।'