जिपं चुनाव में धांधली के विरुद्ध निर्वाचन आयोग पहुंचे दिग्विजय सिंह, चुनाव निरस्त करने की मांग

दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयुक्त को सौंपा ज्ञापन, बोले- लोकतांत्रिक परम्पराओं से होने वाले चुनाव की हत्या करते हुए अनुचित, अवैध एवं नियम विरूद्ध रूप से चुनाव कराए गए हैं

Updated: Jul 29, 2022, 01:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान कई जगहों पर गड़बड़ियों की शिकायत मिली। हालांकि, राजधानी भोपाल में हुई कथित धांधली को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राजधानी में हुई धांधली के विरुद्ध कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ निर्वाचन आयोग पहुंचे। उन्होंने राज्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर चुनाव निरस्त कराने की मांग की।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में सिंह ने लिखा कि, 'भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अनुचित, अवैध एवं नियम विरूद्ध रूप से चुनाव कराए गए हैं। भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया तदुपरांत पुलिस एस्काट में शासकीय वाहन में जिला पंचायत सदस्यों को मतदान केन्द्र ले जाया गया। भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव वैधानिक रूप से सम्पन्न नहीं कराया गया है।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल कि ओर से दिए गया ज्ञापन में लिखा गया कि, 'मतदान केन्द्र पर पुलिस के द्वारा स्कॉटिंग करते हुए दो मंत्रियों भूपेन्द्र सिंह एवं विश्वास सारंग एवं विधायक श्री रामेश्वर शर्मा सहित जिला पंचायत सदस्यों को शासकीय वाहन में मतदान केन्द्र पर लाया गया। जिला पंचायत सदस्यों के स्थान पर मतदान करने के लिए टेण्डरिंग वोट का उपयोग किया गया है जबकि नियम प्रक्रिया में कहीं भी टेण्डरिंग एवं प्रॉक्सी वोट का प्रावधान नहीं है सिवाय उस स्थिति में जबकि कोई मतदाता अस्वस्थ होने के कारण शासकीय अस्पताल में भर्ती हो, चलने फिरने में असहाय हो या निरक्षर हो तथा शासकीय अस्पताल द्वारा सत्यापित प्रमाण पत्र के आधार पर मेडिकली अनफिट हो। तब किसी अन्य व्यक्ति को जो कि मतदाता के ब्लड रिलेशन का हो, को ही मतदान सहायक के रूप में मतदान केन्द्र में जाने एवं मतदान की अनुमति दिए जाने का प्रावधान है जिसका पीठासीन अधिकारी, भोपाल द्वारा खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया है तथा अनुचित तरीके से टेंडरिंग वोट कराए गए।'

इसमें आगे लिखा गया है कि, 'मतदाता स्वयं मतदान केन्द्र पर स्वयं उपस्थित थे। ऐसे में षडयंत्रपूर्वक कार्यवाही करते हुए उन लोगों को मतदान करने की अनुमति टेण्डरिंग वोट के माध्यम से दी गई जबकि वे मतदाता के रक्त संबंधी (ब्लड रिलेशन) में नहीं है बल्कि भाजपा के नेता एवं पदाधिकारी है, पीठासीन अधिकारी द्वारा उपयोग की गई उक्त प्रक्रिया मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के प्रावधानों के विपरीत है।।भोपाल जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में हो रही उपरोक्त अनियमितताओं के संबंध में पीठासीन अधिकारी को लिखित में शिकायत करने के उपरांत भी पीठासीन अधिकारी भोपाल ने चुनाव में वैधानिकता का कोई ध्यान नहीं रखा एवं।भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव अनुचित, अवैध एवं मनमाने ढंग से नियम विरूद्ध रूप से चुनाव सम्पन्न कराया गया है जो कि सरासर गलत एवं अनुचित है।'

कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग से निवेदन किया है कि ज्ञापन के संबंध में कार्रवाई करते हुए भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को निरस्त किया जाएं जो कि न्यायोचित एवं न्यायहित में होगा।