MSP से कम रेट पर खरीदी न कर पाएं व्‍यापारी

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर मंडी अधिनियम में सुधार करने की जरूरत बताई है।

Publish: May 03, 2020, 05:10 AM IST

एमपी सरकार ने मंडी अधिनियम में कई संशोधन किये हैं। लॉकडाउन और कोरोना वायरस महामारी के कारण मंडियो में फसलों की खरीदी बंद होने के बाद सरकार द्वारा व्यापारियों के आग्रह पर सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी की अनुमति दी गई है। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर कुछ सुधार करने की जरूरत बताई है।

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सिंह ने लिखा है कि व्यापारियों द्वारा वर्तमान में सभी फसलों की खरीद 30 प्रतिशत कम दामों पर की जा रही है जैसे गेँहू प्रति क्विंटल 1600 से 1700 रूपये तक खरीदे जा रहे है जबकि समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल है। सौदा पत्रक के माध्यम से की गई खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं होना चाहिए। सौदा पत्रक की खरीदी की जानकारी व्यापारियो द्वारा ऑनलाइन मोबाइल एपलीकेशन के माध्यम से तुरंत अपडेट की जानी चाहिए एवं खरीदी का मूल्य और भुगतान की जानकारी एस.एम.एस. के माध्यम से किसानों के मोबाइल पर तुरंत आना चाहिए ताकि खरीदी में पारदर्शिता हो एवं भुगतान की सुरक्षा व निगरानी की जा सके।

सिंह ने कहा है कि फसल खरीदी की सीमा मंडी में तय सिक्युरिटी डिपॉजिट (व्यापारियों द्वारा जमा धरोहर राशि) के आधार पर तय की जानी चाहिए ताकि आवश्यकता से अधिक खरीदी होने और व्यापारियों के डिफाल्टर होने पर किसानों का भुगतान किया जा सके। हाल ही में मंदसौर में एक प्याज उत्पादक किसान से व्यापारी द्वारा चेक के आधार पर खरीदी कर ली गई थी। व्यापारी ने किसान को बंद किये जा चुके खाते का चेक देकर भुगतान किया गया जिससे किसान को पुलिस में रिपोर्ट करनी पड़ी। ये समस्याएं भविष्य में न आये इसलिये किसानों से की गई खरीदी के भुगतान की ग्यारंटी सरकार को देना चाहिये। सौदा पत्रक से खरीदी करने वाले व्यापारियो को मंडी टैक्स में छूट दी जाए क्योंंकि वह मंडी के संसाधनों का उपयोग नही करते है। ऐसा करने से व्यापारी किसानों को उनकी फसल का वाजिव दाम देंगे।

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उन्‍होंने कहा है कि जिन व्यापारियों को सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी की अनुमति दी गई है उन व्यापारियो के पहचान पत्र बनाकर दिए जाए ताकि किसानों को यह निर्णय लेने में आसानी हो कि वे अपनी फसल किस व्यापारी को बेचें।