राजमाता को श्रद्धांजलि देने जयविलास पैलेस पहुंचे दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य को दी सांत्वना

बीते 15 मई को राजमाता सिंधिया का दिल्ली AIIMS में इलाज के दौरान निधन हो गया था, उनके निधन पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह परिजनों को सांत्वना देने शुक्रवार को जयविलास पैलेस पहुंचे।

Updated: May 24, 2024, 07:29 PM IST

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और सिंधिया घराने की राजामाता माधवी राजे सिंधिया के निधन को आज 10 दिन गुजर चुके हैं। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उन्हें श्रद्धांजलि देने जयविलास पैलेस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया, महार्यमान समेत उनके परिजनों से मिलकर उन्हें भी सांत्वना दी। 

शुक्रवार दोपहर ग्वालियर एयरपोर्ट पर राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह सहित कांग्रेस के नेताओं ने उनकी अगवानी की। यहां से वे पूर्व विधायक और वरिष्ठ समाजवादी नेता वृजेन्द्र तोमर के निवास पर पहुंचे और उनका हालचाल जाना। यहां से दिग्विजय सिंह मध्य भारत खादी ग्रामोद्योग दफ्तर पहुंचे, जहां उनका समिति से जुड़े लोगों ने स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने वहां चल रहे कार्यकलापों का अवलोकन किया और उनके काम की सराहना की।

तत्पश्चात सिंह जयविलास पैलेस पहुंचे और वहां पहुंचकर दिवंगत माधवी राजे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। दिग्विजय सिंह सन 2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जाने के बाद पहली बार जय विलास पैलेस पहुंचे थे। हालांकि यह कोई सियासी दौरा नहीं बल्कि पारिवारिक था।

मीडिया ने बातचीत के दौरान भी सिंह ने स्पष्ट कहा कि मैं स्वर्गीय राजमाता के देहांत पर श्रद्धांजलि देने और ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवारजनों से मिलने के लिए ग्वालियर आया हूं। इस दौरान उन्होंने किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं दिया। राजमाता के निधन के वक्त सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि हमारे उनसे पारिवारिक रिश्ते रहे हैं।

बताया जाता है कि दिग्विजय सिंह और माधवराव सिंधिया के बीच काफी अच्छे रिश्ते थे। 30 सितम्बर 2001 को जब माधवराव सिंधिया का एक विमान दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया था उस समय दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। निधन की सूचना मिलते ही दिग्विजय सिंह भोपाल से तत्काल ग्वालियर पहुंच गए थे। माधवराव सिंधिया के अंतिम संस्कार से लेकर बाकी सभी तैयारियां भी उन्होंने अपनी देखरेख में करवाई थी। वे कई दिनों तक ग्वालियर में ही रहे थे। इसके बाद ज्योतिरादित्य को राजनीति में लाने में भी दिग्विजय सिंह की अहम योगदान थी। हालांकि, 2020 में सिंधिया के पाला बदलने को लेकर सिंह व्यथित थे और कई बार सार्वजनिक मंचों से उन्होंने इसका उल्लेख भी किया है।