मध्य प्रदेश के 4 लाख कर्मचारियों को झटका, नहीं मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ

न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के पास आवेदन भेजे थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया है

Updated: Jan 26, 2021, 04:15 AM IST

Photo Courtesy: The Week
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भोपाल। मध्य प्रदेश के चार लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को आर्थिक झटका लगा है। लोक शिक्षण संचालनालय ने उनके आवेदन को निरस्त कर दिया है। ये सभी कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किए जाने की मांग कर रहे थे। 

दरअसल पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के पास प्रदेश की राजधानी भोपाल, रायसेन, ग्वालियर, शाजापुर, शिवपुरी, इंदौर, मंदसौर, उज्जैन, रीवा, दतिया और नीमच जिले के कर्मचारियों ने आवेदन भेजे थे। इनकी मांग थी कि 2005 से लागू की गई न्यू पेंशन स्कीम की जगह इन्हें पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किया जाए। कर्मचारियों के आवेदन को ज़िला शिक्षा अधिकारियों ने लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा था।

क्यों निरस्त किए गए आवेदन 

लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त जयश्री कियावत ने वित्त विभाग को इस मसले पर पत्र लिखा। संचालनालय ने वित्त विभाग से पूछा था कि कमर्चारियों को 1972 की पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाकर, 15 वर्षों में हुई कटौती को जेपीएफ में जमा किया जा सकता है या नहीं? इसके जवाब में वित्त विभाग ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में पेंशन नियम 1972 लागू नहीं है। इसके बाद कर्मचारियों के आवेदन को निरस्त कर दिया गया। 

कर्मचारियों के आवेदन निरस्त करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि प्रदेश में जितने कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ उठा रहे हैं, उससे ज़्यादा संख्या न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत आने वाले लोगों की है। 1 जनवरी 2005 के बाद से 1.5 लाख से ज़्यादा कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। 2.25 लाख अध्यापक और 25 हज़ार पंचायत सचिव हैं। इन सभी कर्मचारियों पर न्यू पेंशन स्कीम लागू है।