गोहद में जारी है देवाशीष जरारिया का जल सत्याग्रह, पानी की कमी से बेहाल है इलाक़े की जनता

मध्य प्रदेश के गोहद की जनता को बैसली डैम के ज़रिए पानी की सप्लाई होती है, फरवरी के महीने में ही सूख गया बांध, क्षेत्र की 80 हज़ार जनता इस समस्या से प्रभावित है

Updated: Mar 13, 2021, 12:26 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के गोहद की जनता बैसली डैम के सूख जाने की वजह से पिछले डेढ़ महीने से पानी की भारी किल्लत का सामना कर रही है। लोगों की समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई न होने के कारण पिछले दो दिनों से कांग्रेस के युवा नेता देवाशीष जरारिया जल सत्याग्रह पर बैठे हुए हैं। देवाशीष 12 मार्च से ही अपने समर्थकों के साथ सूखे पड़े बैसली डैम के भीतर जल सत्याग्रह कर रहे हैं। जनता की सबसे बड़ी समस्या को जल सत्याग्रह के जरिए उठाने पर उन्हें इलाके के लोगों का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।

नगरपालिका ने डैम के न्यूनतम जल स्तर को कायम नहीं रखा : देवाशीष 
पानी की समस्या को सुलझाने के लिए सत्याग्रह पर बैठे देवाशीष ने हमसमवेत के साथ बातचीत में बैसली डैम सूखने के कारण एक-एक करके गिनाए। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने डैम के न्यूनतम जल स्तर को मेंटेन नहीं किया। जिस कारण क्षेत्र के लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। देवाशीष ने कहा कि हर साल यहां के लोगों को अप्रैल-मई में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस बार यह बांध फरवरी में ही सूख गया। देवाशीष ने बताया कि पानी की समस्या से अवगत होने के बावजूद डैम का पानी बड़ी मात्रा में मछली पालन करने वाले ठेकेदारों को दे दिया गया। 

देवाशीष ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारीयों ने सिंचाई और मछली पालन के लिए धीरे धीरे डैम को खाली कर दिया। जिसका खामियाजा आज क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। देवाशीष ने बताया कि इस समय गोहद क्षेत्र के लोग पानी के लिए पूरी तरह प्राइवेट टैंकरों के भरोसे हैं। स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका लोगों की समस्या पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है।

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साढ़े आठ करोड़ का फंड वापस ले गई शिवराज सरकार : जरारिया
क्षेत्र की जनता के प्रति शासन-प्रशासन के उदासीन रवैये को देवाशीष गोहद में हुए उपचुनाव से भी जोड़कर देखते हैं। उनका आरोप है कि उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मेवाराम जाटव को जिताने की वजह से गोहद की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। देवाशीश ने बताया कि उपचुनाव में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रुपए की योजनाओं का एलान किया था। लेकिन जनता ने शिवराज के घोषणाओं पर भरोसा न कर कांग्रेस उम्मीदवार पर भरोसा जताया। गोहद की जनता से उसी बात का बदला लिया जा रहा है।

देवाशीष ने बताया कि जनता के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आलम यह है कि नगरीय विकास के लिए दिया गया साढ़े आठ करोड़ रुपये का फंड भी राज्य सरकार वापस ले चुकी है। देवाशीष जरारिया ने इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के खिलाफ माहौल बनाने की साजिश रचे जाने की कोशिशों से इनकार नहीं किया है। 

जरारिया ने पानी की समस्या के समाधान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अगर डैम की खुदाई सही तरह से की जाती तो लोगों को पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। लेकिन हर साल डैम से सिल्टेशन हटाने और खुदाई के नाम पर करोड़ों का गबन कर लिया जाता है, लेकिन लोगों को जलसंकट से निजात नहीं मिल पाती। देवाशीष ने बताया कि बैसली डैम तक कच्ची नहरों के ज़रिए पानी की सप्लाई होती है। जिस वजह से बीच में कई लोग नहर को काटकर पानी निकाल लेते हैं। उन्होंने कहा कि अगर बैसली डैम तक पाइपलाइन के ज़रिए पानी पहुँचाया जाए तो लोगों को जल संकट से छुटकारा मिल सकता है।

देवाशीष ने कहा कि बैसली डैम में अकेले ही क्षेत्र के लोगों तक पानी मुहैया कराने की क्षमता है। अगर प्रशासन सही ढंग से काम करे तो क्षेत्र के लोगों को कभी पानी की समस्या का सामना ही न करना पड़े। लेकिन शासन-प्रशासन जलसंकट से जूझ रहे लोगों की जिस तरह अनदेखी कर रहा है, वो बेहद अफसोसजनक है। कांग्रेस के युवा नेता ने बताया कि जब तक सरकार और प्रशासन लोगों की समस्या का हल नहीं निकालते है तब तक वे जल सत्याग्रह पर डटे रहेंगे।