मध्य प्रदेश में लगातार हो रही सागौन के पेड़ो की अवैध कटाई, वन अधिकारियों की नाक के नीचे से करोड़ों के पेड़ काटे

मध्य प्रदेश में सागौन के वृक्ष को संरक्षित वृक्षों की श्रेणी में रखा गया है। बावजूद इसके प्रदेश में लगातार इनकीं कटाई अवैध रूप से की जा रही है। सिवनी, छतरपुर के जंगल से 1करोड़ों के सागौन की चोरी हुई है।

Publish: Sep 04, 2023, 11:38 AM IST

Image courtesy- NBT
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छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बाजना और बिजावर वन परिक्षेत्र में सागौन के पेड़ों की लगातार कटाई की जा रही है। तस्करी करने वालों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि वे वन अधिकारियों की नाक के नीचे सागौन से पेड़ों को लगातार काट कर बेच रहे हैं। और वन अधिकारी इससे बेखबर हैं।

जानकारी के अनुसार जिले के रामगढ़ और नयाताल कस्बों से जुड़े जंगलों में तस्कर बड़े पैमाने पर पेड़ो को काट रहे हैं। इस क्षेत्र में जंगल के अंदर जाने पर चारों दिशाओं में कटे हुए सागौन के पेड़ों के तने दिखाई देते हैं। इस मामले की जानकारी छतरपुर के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) को भी दी जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों से बाजना और बिजावर वन परिक्षेत्रों में कई सालों से तस्कर सागौन की लकड़ी अवैध रूप से काटकर ले जा रहे हैं। प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बाबजूद भी प्रशासन इसपर अंकुश लगाने में नाकामयाब रहा है। इस मामले के बाद वन विभाग के कर्मचारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं।

इसके पहले वन मंत्री विजय शाह ने भी छतरपुर जिले के वन अधिकारी (डीएफओ) पुनीत सोनकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। जो कागजों तक ही सीमित रह गए और जमीन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

वहीं बीते दिनों सिवनी के वन क्षेत्र से भी इस तरह का मामला सामने आया था। जहां सिवनी के छापरा वन क्षेत्र से बड़ी मात्रा में सागौन के पेड़ों की कटाई की गई थी। हैरानी की बात यह है कि यहां से वन परिक्षेत्र कार्यालय महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर करोड़ों की अनुमानित कीमत तक के सागौन पेड़ो की कटाई हुई है।