आकाश ने इंदौर-3 को खून-पसीनों से सींचा था, बेटे को टिकट न मिलने पर छलका कैलाश विजयवर्गीय का दर्द

आकाश ने इस विधानसभा को अपना खून-पसीना एक करके सींचा था। मैं भी इस बात से खुश नहीं था कि उनको टिकट नहीं मिले और मुझे मिल जाए: कैलाज विजयवर्गीय

Updated: Oct 28, 2023, 05:50 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने इंदौर-1 विधानसभा से कैलाश विजयवर्गीय को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, पार्टी ने इंदौर 3 से उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय का टिकट काटकर गोलू शुक्ला को मैदान में उतारा है। बेटे का टिकट कटने पर कैलाश विजयवर्गीय का दर्द एक बार फिर छलक गया जब वो इंदौर 3 विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे।

कैलाश विजयवर्गीय शुक्रवार रात में इंदौर-3 के बीजेपी प्रत्याशी गोलू शुक्ला के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में पहुंचे थे। मंच से उन्होंने कहा, 'आकाश ने इस विधानसभा को अपना खून-पसीना एक करके सींचा था। मैं भी इस बात से खुश नहीं था कि उनको टिकट नहीं मिले और मुझे मिल जाए। लेकिन पार्टी का आदेश सर्वोपरि होता है। हम एक फौज के सैनिक की तरह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। पार्टी ने कह दिया तो उसका पालन करेंगे।'

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विजयवर्गीय ने आगे कहा, 'मुझे दिल्ली से फोन आया कि आपको चुनाव लड़ना है तो मैंने आकाश विजयवर्गीय से घर पर बैठकर चर्चा की। आकाश ने मुझसे कहा कि इससे बढ़िया कोई बात नहीं हो सकती पापा। रात में ही उन्होंने नड्‌डाजी को पत्र लिख दिया और किसी को बताया भी नहीं कि आप मेरे पापा को टिकट दे रहे हैं, इसलिए मेरे बारे में विचार नहीं करें। वह यहां पर नहीं है इसलिए मैं कह सकता हूं कि मुझे आकाश के पिता होने का गर्व है।'

बता दे इंदौर-3 से विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं, लेकिन पिता कैलाश को टिकट देने के कारण बीजेपी ने बेटे का टिकट काट आईडीए उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला को मैदान में उतारा है। ऐसे में आकाश विजयवर्गीय और कैलाश विजयवर्गीय दोनों को भारी मन से ही सही गोलू शुक्ला के पक्ष के प्रचार करना पड़ रहा है। हालांकि, गाहे-बगाहे विजयवर्गीय का दुख भी सामने आ जाता है।

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कैलाश विजयवर्गीय ने स्वयं को टिकट मिलने के तत्काल बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आकाश और मुझे एक साथ टिकट नहीं मिलेगा। मेरे मन में पिता की हैसियत से ऐसा विचार आया था कि मैं क्यों चुनाव लड़ूं? आकाश ने मेहनत कर जगह बनाई है। लेकिन पार्टी का आदेश मानना ही पड़ेगा। मैंने तो ऐसा कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता लेकिन पार्टी मुझे टिकट देगी तो मैं चुनाव लड़ूंगा। जब एकदम अचानक जब घोषणा कर दी तब मैं खुद आश्चर्य चकित रह गया।