Kamal Nath : गरीबों को तीन महीने का मुफ्त राशन दें

मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ ने तीन महीने का राशन मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। अब तक जरूरतमंदों तक नहीं पहुंची मदद

Publish: Jun 09, 2020, 09:50 PM IST

प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज़रूरतमंद लोगों को तीन महीने का मुफ्त राशन देने की मांग की है। कोरोना के संकट काल में प्रदेश की एक बहुत बड़ी आबादी बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी के दलदल में फंस गई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर गरीबों व मज़दूरों को तीन महीने का राशन व एक महीने का खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

कमलनाथ ने लिया था फैसला, अब शिवराज पूरा करे

प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के ज़रूरतमंद लोगों को तीन महीने का राशन व एक महीने का खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। कमलनाथ के इस निर्णय की अवधि अब पूरी होने को है लेकिन अब तक प्रदेश सरकार की ओर से जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंचाई गई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह को पत्र लिख कर इस ओर ध्यान देने का आग्रह किया है।

कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि मैंने अपनी सरकार के दौरान कमज़ोर वर्ग के लोगों को तीन महीने का राशन और एक महीने का मुफ्त खाद्यान्न देने के आदेश जारी किए थे, जिसकी अवधि अब पूरी होने को है लेकिन मुफ्त राशन का वितरण अब तक नहीं किया गया है। प्रदेश में आंशिक रूप से लॉक डाउन खोला तो गया है लेकिन इसका लाभ अब तक गरीब वर्ग के लोगों को नहीं मिल पाया है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमज़ोर हो चुके लोगों को मुफ्त राशन जैसी सहायता की अत्यंत आवश्यकता है।

दाल वितरण में फिसड्डी साबित हुई सरकार

एक तरफ जहां कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की मांग की है तो वहीं दूसरी तरफ आईग्रेन इंडिया द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट ने शिवराज सरकार की पोल खोल कर रख दी है। ग्रेन इंडिया के अनुसार मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा 12 हज़ार टन आवंटित दाल का केवल एक तिहाई हिस्सा ही गरीबों तक वितरित किया है। दरअसल केंद्र सरकार ने लॉक डाउन की मार झेल रहे लोगों के लिए विभिन्न राज्यों को दाल वितरित करने के लिए दहलन आवंटित किया था। जिसके वितरण में मध्य प्रदेश बिहार और महाराष्ट्र के साथ सबसे फिसड्डी राज्य साबित हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने में राज्य सरकार को 12 हज़ार टन दाल आवंटित की थी लेकिन अब तक केवल 4 हज़ार टन दाल का ही वितरण हो पाया है।