ग्वालियर में माहौल खराब करने की कोशिश, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में शोभा यात्रा निकालने पर अड़े हिंदू संगठन

ग्वालियर हिंदू सेना के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर कर रहे उत्तेजक पोस्ट, हनुमान जयंती पर मुस्लिम इलाकों से यात्रा निकालने पर अड़े, लिखा- चाहे गोली क्यों न खानी पड़े यात्रा आपागंज से ही शुरू होगी

Updated: Apr 16, 2022, 06:08 AM IST

ग्वालियर। रामनवमी पर खरगोन और सेंधवा में हुए साम्प्रदायिक विवाद अभी ठंडे भी नहीं पड़े हैं कि अब हनुमान जयंती के मौके पर प्रदेशभर में माहौल खराब करने की कोशिशें तेज हो गई है। राजधानी भोपाल के बाद अब ग्वालियर में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर उत्तेजक पोस्ट कर रहे हैं।

हिंदू सेना मध्य प्रदेश युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बलवंत डोंगे फेसबुक पर लगातार लिख रहे हैं कि हनुमान जन्म उत्सव का चल समारोह आपागंज से शुरू होगा। शुक्रवार को उन्होंने एक उत्तेजक पोस्ट में लिखा कि, 'प्रदेश में बीजेपी सरकार होने के कारण हिंदू आस्थाओं का दमन कर रहे हैं। पुलिस द्वारा चल समारोह को रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हिंदू सेना का विशाल चल समारोह आपागंज से ही निकाला जाएगा। पुलिस रोकने का प्रयास करेगी पर यह भगवा नहीं रुकेगा। हमारी यात्रा आपागंज से ही निकलेगी चाहे सीने पर गोली क्यों न खानी पड़ जाए।' 

दरअसल, ग्वालियर के आपागंज इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। हिंदू सेना के लोग इस बात को लेकर अड़े हुए हैं कि चल समारोह इसी इलाके से शुरू हो। चल समारोह की टाइमिंग भी भी वही है जब लोग रमजान की इफ्तारी की तैयारियां करते हैं। खरगोन की घटना से सबक लेते हुए यहां प्रशासन सतर्क है। माहौल खराब न हो इसलिए हिंदू संगठनों को आपागंज इलाके में शोभायात्रा निकालने से मना किया गया। हालांकि, ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने बताया कि उन्हें परमिशन दी गई है। 

बता दें कि राजधानी भोपाल में भी कमोबेश यही स्थिति है। यहां आज हनुमान जयंती के मौके पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में शोभा यात्रा (चल समारोह) निकालने की तैयारी है। यह यात्रा कसाईपूरा, इतवारा और जुमेराती होते हुए सिंधी कॉलोनी तक जाएगी। यात्रा की शुरुआत शाम को साढ़े पांच बजे होनी है और समापन आठ बजे रखा गया है। हालांकि, प्रशासन ने 16 शर्तों के साथ जुलूस निकालने की इजाजत दी है। 

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इसमें कहा गया है कि त्रिशूल, गदा के अलावा अन्य हथियार जुलूस में नही ले जा सकेंगे। डीजे पर बजने पर वाले गानों की लिस्ट भी देनी होगी और एक जुलूस में सिर्फ एक डीजे ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। आयोजक पुलिस के साथ जुलूस के आगे चलेंगे। 600 पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे औऱ ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी।