खरगोन में फिर दंगे भड़काने की कोशिश, BJP सांसद ने किया मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान

खरगोन-बड़वानी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद गजेंद्र पटेल ने हिंदुओं की एक भीड़ को उकसाते हुए कहा कि उन्होंने पत्थर चलाई, हमें उससे बड़ा पत्थर चलाने के लिए तैयार रहना होगा, पूरे जिले में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं बीजेपी से जुड़े लोग

Updated: Apr 26, 2022, 09:01 AM IST

खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुए सांप्रदायिक दंगों की आग अभी ठंड भी नहीं हुई की जिले में एक बार फिर दंगे भड़काने के प्रयास शुरू हो गए हैं। खरगोन में बीजेपी से जुड़े लोग जगह-जगह सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। स्थानीय बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने तो सभी हदें पार कर दी। पटेल ने खुलेआम हिंदुओं की भीड़ को अल्पसंख्यकों पर हमला के लिए उकसाया।

सोशल मीडिया पर पटेल का एक वीडियो सामने आया है जिसमे वे कह रहे हैं कि, 'रामभक्तों के जुलूस पर फूल बरसने चाहिए थे, पर कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। युवाओं को एक संकल्प पारित करना चाहिए कि हम हर ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। इसके लिए तैयारी करनी होगी। यह गांठ बांध लेना कि यह मां भारती का देश है। हम धर्म के आधार पर जीते हैं। आपने पत्थर बरसाए हैं तो हम भी संत-सनातन धर्म के लोग हैं, हमें ईंट का जवाब पत्थर से देना आता है।'

बताया जा रहा है कि गजेंद्र पटेल का यह वीडियो कसरावद का है। खरगोन से 40 किमी दूर कसरावद में खाटू श्याम के भजन संध्या आयोजित की गई थी। इसी कार्यक्रम में स्थानीय सांसद ने लोगों को उकसाते हुए भाषण दिया था। उधर बीजेपी व हिंदू संगठन से जुड़े लोग गांव-गांव जानकार हिंदुओं को सार्वजनिक रूप से एक संकल्प दिला रहे हैं।

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इस संकल्प में हिंदुओं से कहा जा रहा है कि वे अल्पसंख्यकों का आर्थिक बहिष्कार करें। जिले के उबदी, पिपरी और इच्छापुर गांव में इस तरह के आयोजन हो चुके हैं। वहीं, बिस्टान और केली में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। संकल्प लेने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसमें कहा जा रहा है कि हम विधर्मियों से न कोई वस्तु खरीदेंगे न ही उन्हें अपनी दुकानों से सामान बेचेंगे।

इस घृणित संकल्प को पूरा करने के लिए भगवान से शक्ति मांगी जा रही है। इतना ही नहीं एक अन्य वीडियो में डीजे पर इस संकल्प को दोहराया जा रहा है। डीजे की गाड़ी गांव - गांव में घूम रही है। हैरानी की बात ये है कि इतना सबकुछ होने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।