ठेला हटाने आए निगमकर्मी तो भड़का फल विक्रेता, बोला- मैं हिंदू हूं, ठेला हटाओगे तो कमिश्नर सस्पेंड
रतलाम बीएमसी कमिश्नर को सस्पेंड करने की मांग पर अड़ा फल विक्रेता, बोला- सस्पेंड करो वरना धर्म परिवर्तन कर लूंगा
रतलाम। मध्य प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिकता के बीच एक अजीबोगरीब वाक्या सामने आया है। रतलाम जिले में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान निगम कर्मी जब एक फल विक्रेता का ठेला हटाने पहुंचे तो उसने हिंदू होने का धौंस दिखाकर कर्मियों की बोलती बंद करा दी। फल विक्रेता ने भगवा गमछा बांधकर कहा कि मैं हिंदू हूं, मेरा ठेला हटाओगे, रुको अभी मीडिया को बुलाता हूं।
"देखो शिवराज मामा, नगर निगम वाले हिंदुओं का ठेला हटा रहे हैं..."
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) June 3, 2022
MP के रतलाम के फव्वारा चौक पर जब नगर निगम का अमला फलफरोश का ठेला हटाने गया तब वह CM का नाम लेकर हिंदू होने की दुहाई देने लगा।
"शिवराज मामा, मैं हिंदू हूं, भूखे मर जाऊंगा पर वोट तुम्हें..."
वैसे, अच्छा हटकंडा हैं। pic.twitter.com/RBDPaup0cO
सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नगर निगम की टीम रतलाम के फव्वारा चौक पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करने पहुंची थी। यहां निगम कर्मियों का सामना एक फलवाले से हुई। निगम कर्मी जब ठेला हटाने आए तो उसने झट से भगवा गमछा निकालकर ठेले से खुद को बांध लिया।
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इसके बाद वह चिल्लाकर कहने लगा, 'देखो शिवराज मामा! यहां अधिकारी मेरा ठेला हटा रहे हैं। मैं हिंदू हूं वोट तुम्हें ही दूंगा शिवराज मामा। भले भूखे मर जाऊंगा लेकिन वोट तुम्हें ही दूंगा।' इसके बाद वह अधिकारियों को कहता 'ले आ अब गाड़ी भर... भर अब अपनी नौकरी खतरे में मत डालो'। हैरानी की बात ये है की इतना सुनने के बाद अधिकारी भी ठेला हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। वे वहीं मूकदर्शक बनकर खड़े रहते हैं।
इसके बाद फल विक्रेता वहां मौजूद लोगों को कहता है की "ये बुलाओ रे, मीडिया वालों को बुलाओ, कब तक देखता रहेगा।" जानकारी के मुताबिक मीडिया के आने के बाद फल विक्रेता kibधौंस और ज्यादा बढ़ गई। वह बीएमसी कमिश्नर सोमनाथ झरिया को सस्पेंड करने की मांग करने लगा। इतना ही नहीं उसने धमकी दी कि कमिश्नर को सस्पेंड नहीं किया जाएगा तो वह भोपाल जाकर धर्म परिवर्तन कर लेगा।
निगम की कार्रवाई से बचने के लिए फल विक्रेता के इस हथकंडे की खूब चर्चा हो रही है। यह घटना प्रदेश में एक धर्म विशेष के लोगों पर हो रहे टारगेट एक्शन की कहानी बयां करने के लिए काफी है। सवाल ये है कि यदि फल विक्रेता मुस्लिम होता तो क्या निगम अधिकारी रुकते? क्या एक मुस्लिम व्यक्ति निगमकर्मियों पर धौंस दिखा पाता? हकीकत ये है की यदि अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति निगमकर्मियोंं को रोकने की कोशिश करे तो सरकारी कार्यों में बाधा डालने की FIR भी हो जाती है।