Shivraj Singh Chouhan : जुबां पर दर्द भरी दास्तां चली आई
CM चौहान ने लगातार दूसरे दिन बयां किया अपना दर्द, पहले दिन ट्वीट और दूसरे दिन मीडिया से चर्चा में उनका दर्द झलका, Kamalnth ने कहा कि विष तो रोज पीना पड़ेगा

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सरकार तो बना ली मगर कैबिनेट गठन में उसे पहले दिन से ही पसीना आ रहा है। 23 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन किया। अब जब विस्तार की बारी आई तो कई दिनों से पार्टी के भीतर घमासान मची हुई है। राजनीतिक रूप से साफ संकेत मिल रहे हैं कि इस बार का कार्यकाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए कांटों भरा ताज है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चौहान ने लगातार दूसरे दिन अपने दर्द का बयान किया। पहले दिन ट्वीट और दूसरे दिन मीडिया से चर्चा में उनका दर्द झलका कि पार्टी में जारी मंथन का विष उन्हें ही पीना पड़ेगा।
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार 2 जुलाई को होने जा रहा है। मगर इसके पहले पार्टी में गुटबाजी और दावेदारी चरम पर है। जहां कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पूर्व शर्त के अनुसार उपमुख्यमंत्री का पद और अपने समर्थकों के लिए मंत्री पद मांग रहे हैं तो बीजेपी संगठन नए चेहरों को मंत्री बनाने के लिए दबाव डाल रहा है। निर्दलीय और कांग्रेस छोड़ कर आए तीन अन्य विधायक अलग मंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं। सूत्रों के अनुसार इस दबाव में सबसे ज्यादा हानि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उठाना पड़ेगा। उनकी पसंद के विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है।
यानि बीजेपी में जारी कैबिनेट विस्तार के मंथन का विष शिवराज के हिस्से में आ रहा है। यही कारण है कि बुधवार को जब मीडिया ने सवाल किया तो शिवराज ने कहा कि मंथन में अमृत ही निकलता है और विष तो शिव पी लेते हैं।
इसके पहले मंगलवार रात को शिवराज ने ट्वीट किया था कि ‘आये थे आप हमदर्द बनकर, रह गये केवल राहज़न बनकर। पल-पल राहज़नी की इस कदर आपने, कि आपकी यादें रह गईं दिलों में जख्म बनकर।‘ यह शेर दुधारी तलवार की तरह था। इसके पहले उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जवाब देते हुए शेर ट्वीट किया था तो माना गया कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसा है। मगर बुधवार को मीडिया से कही गई बात के बाद माना जा रहा है कि शिवराज का इशारा भाजपा में जारी घमासान की तरफ है।
आये थे आप हमदर्द बनकर,
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 30, 2020
रह गये केवल राहज़न बनकर।
पल-पल राहज़नी की इस कदर आपने,
कि आपकी यादें रह गईं दिलों में जख्म बनकर।
उनकी इस पीड़ा पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ़ विष ही विष निकला है। मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पड़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पड़ेगा। अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पड़ेगा। इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पड़ेगा।
मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं , सिर्फ़ विष ही विष निकला है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2020
मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पढ़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पढ़ेगा।
अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा।
इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा।