सरकारी खर्चे पर बीजेपी के इवेंट के लिए निकली बस, दिग्विजय सिंह ने कहा ये है आदिवासी फंड के दुरूपयोग का प्रमाण

मंडला का एक वीडियो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साझा किया है, जिसमें लोगों से भरी एक बस भोपाल में आयोजित होने वाली रैली के लिए रवाना हो रही है, बीजेपी के इवेंट के लिए यह सारा खर्च सरकारी पैसों से किया जा रहा है

Updated: Nov 14, 2021, 01:09 PM IST

भोपाल। सोमवार को जनजातीय दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर शिवराज सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। शिवराज सरकार पर आरोप है कि वह आदिवासियों पर खर्च होने वाले सरकारी पैसे का दुरुपयोग प्रधानमंत्री की रैली के लिए कर रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर मंडला का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें मंडला प्रशासन के खर्चे पर लोगों से भरी बस को भोपाल लाया जा रहा है।  

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने वीडियो को साझा करते हुए कहा है कि मंडला ज़िले में मप्र सरकार द्वारा आदिवासी उप योजना की राशि से आयोजित भाजपा रैली का प्रमाण। बसों का आयोजन RTO ने किया और व्यवस्था ज़िला प्रशासन कर रहा है। फंड किसने दिया पता लगाएं।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जो वीडियो साझा किया है, उसमें एक यात्री बस लोगों से भरी हुई नज़र आ रही है। बस के आगे वाले हिस्से पर सोमवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम का बैनर नज़र आ रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर लगी हुई है। वहीं बस के आगे भाजपा के झंडे को भी लटकाया गया है। बस में बैठे हुए यात्रियों के गले में मंडला ज़िला प्रशासन द्वारा मुहैया कराया गया पहचान पत्र भी लटका हुआ नज़र आ रहा है। वीडियो सामने आने के बाद से ही शिवराज सरकार के इस रवैये का विरोध शुरु हो गया है।  

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दरअसल सोमवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में जनजातीय दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित होना है। खुद प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं।  इस आयोजन को सफल बनाने के लिए शिवराज सरकार ने प्रदेशभर से दो लाख आदिवासियों को रैली में लाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन शिवराज सरकार पर यह आरोप लग रहे हैं कि उसने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आदिवासी उपयोजना से तेरह करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिसके असली हकदार आदिवासी समुदाय के लोग थे। कांग्रेस का कहना है कि जो पैसा आदिवासियों के हित पर खर्च होना चाहिए था, भाजपा सरकार उसे अपने प्रचार पर खर्च कर रही है। 

आरटीआई कार्यकर्ता भी शिवराज सरकार के इस हथकंडे को अनुचित करार दे रहे हैं। उनके मुताबिक इस धनराशि को खर्च करने के लिए ज़रूरी कानूनी प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया है। इस राशि को खर्च करने के लिए आदिवासी मंत्रणा परिषद और राज्यपाल के अनुशंसा की ज़रूरत होती है, लेकिन पीएम के इवेंट को सफल बनाने के लिए शिवराज सरकार ने इन नियमों को भी ताक पर रख दिया। 

दिग्विजय सिंह ने आज यानी चौदह नवंबर से मंडला में जनजागरण अभियान की शुरूआत की है। कांग्रेस के इस देशव्यापी अभियान ने इसे महंगाई के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शक्ल देने का प्रयास किया है। उन्होंने मंडला के इस कतार्यक्रम से पहले जबलपुर में पत्रकार वार्ता करते हुए भाजपा के आदिवासी गौरव दिवस को छलावा बता और कहा कि यदि भाजपा सच्चे अर्थों में आदिवासी हितैषी होती तो आदिवासियों के नाम पर हो रहे कार्यक्रमों में खुद आदिवासी नेताओं और उनके परिजनों का अपमान नहीं करती। पिछले दिनों जबलपुर में ह्रदयशाह और शंकर शाह के कार्यक्रम में विजय शाह के साथ हुए दुर्वयवहार का उन्होंने हवाला भी दिया, साथ ही प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आदिवासी समुदाय को छलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पन्ना, नेमावर, सीहोर और मंदसौर जैसे अनेक इलाकों का उदाहरण दिया। हाल के दिनों में इन सभी इलाकों से आदिवासियों की प्रताड़ना के आरोप में बीजेपी नेताओं के शामिल होने की खबरें आती रही हैं।