MANIT Bhopal को कोविड सेंटर बनाने से छात्रों में हड़कंप

Coronavirus Bhopal : MANIT कॉलेज परिसर को कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए अधिग्रहित करने का निर्देश, छात्रों ने सौंपा ज्ञापन

Publish: May 28, 2020, 05:21 AM IST

भोपाल जिला प्रशासन ने MANIT कॉलेज परिसर को कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए अधिग्रहित करने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने 23 मई को Epidemic Diseases act 1897 के Covid-19 Regulations के तहत परिसर में मौजूद हॉस्टल के कमरों को खोलकर वहां लोगों को क्वारेंटाइन करने का फैसला लिया है। छात्रों ने इस फैसले का विरोध करते हुए भोपाल कलेक्टर और मैनिट कॉलेज के डायरेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। छात्रों का मांग है कि उनके हॉस्टल को अधिग्रहित न किया जाए। चूंकि कमरों में उनके जरूरी कागजात व कीमती सामान जैसे लैपटॉप, टैब्लेट्स, किंडल आदि रखे हुए हैं। लेकिन भोपाल कलेक्टर इसे देशसेवा करने का मौका बता रहे हैं।

दरअसल, मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को क्वारंटाइन करने हेतु राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर को भोपाल कलेक्टर के निर्देश पर 23 मई को कोविड-19 केयर सेंटर बनाने का फैसला लिया गया था। प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के जारी कोविड-19 रेगुलेशन की अधिसूचना में उल्लेखित है कि आवश्यकता होने पर जिला दंडाधिकारी कोई भी व्यक्ति/संस्था की सेवाएं/सुविधाएं अधिग्रहित कर सकते हैं। शासन के निर्देशानुसार मैनिट भोपाल के सम्पूर्ण परिसर को कोविड-19 केयर सेंटर/क्वारंटाइन सेंटर हेतु अधिग्रहित किया जाता है। आदेश में मैनिट प्रबंधन को सम्पूर्ण भवन के समस्त कमरों को सैनिटाइज करवाकर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

भोपाल प्रशासन के इस फैसले का मैनिट के छात्र विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने ट्विटर पर भोपाल कलेक्टर को टैग कर हॉस्टल को अधिग्रहित न करने की मांग की है। उन्होंने कॉलेज डायरेक्टर व भोपाल कलेक्टर को मेल कर ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में छात्रों ने 5 बिंदुओं पर प्रशासन से दुबारा विचार करने का निवेदन किया है जिनमें नए गर्ल्स हॉस्टल, डिपार्टमेंट्स, गेस्ट हाउस व एडमिन ब्लॉक को खाली करने व हॉस्टल के जिन कमरों में छात्र रहते हैं उसे यथास्थिति छोड़ देने की मांग की गयी है।

मैनिट के केमिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र प्रशांत राव गोखले ने बताया कि छात्रों के हॉस्टल के कमरों को बिना अनुमति ताला तोड़कर खोलना गलत है। यदि ऐसा किया जाता है तो हमारी निजता भंग होगी। उन्होंने कहा, 'संकट के इस दौर में हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का बोध है और हम मैनिट परिसर को अधिग्रहित करने के प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में हमसब अपने स्तर से यथासंभव योगदान भी दे रहे हैं परंतु हॉस्टल अधिग्रहित करने के आदेश से छात्रों व अभिभावकों के बीच पैनिक की स्थिति बन गयी है। हॉस्टल के कमरों में हमारे जरूरी कागजात (शैक्षणिक योग्यताओं के सर्टिफिकेट, मार्कशीट) व महंगे सामान (लैपटॉप, किंडल, टैबलेट) रखे हुए हैं। ऐसे में यदि हॉस्टल खाली किया जाता है तो इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा ?'

मामले पर भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कहा कि छात्र-छात्राओं के कमरों में मौजूद सारे सामानों का पंचनामा बनाया जाएगा व उन्हें अलग स्थानों पर सुरक्षित रखने की व्यवस्थाएं की जाएगी ताकि कोई भी सामान गुम न हो पाए। उन्होंने इसे परोक्ष रुप से देशसेवा करने का मौका बताते हुए कहा, 'इस संकट की घड़ी में छात्रों को अपने देशवासियों के स्वास्थ्य के लिए होस्टल का कमरा लिए जाने में आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह अधिग्रहण किसी के निजी हित के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि मानवजाति को इस आपदा से बचाने के मकसद से किया जा रहा है।'

कॉलेज के दूसरे छात्रों ने बताया कि परिसर में काफी ऐसे कमरे हैं जो उपयोग में नहीं हैं उसके अलावे एडमिन ब्लॉक, डिपार्टमेंट्स, नव निर्मित गर्ल्स हॉस्टल अथवा क्लास रूम का भी प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'हम मांग करते हैं कि प्रशासन नए आदेश जारी कर छात्रों को आश्वस्त करे कि उनके कमरों का ताला नहीं तोड़ा जाएगा व उनके कीमती सामानों को इधर-उधर नहीं किया जाएगा।

मामले पर कॉलेज प्रशासन के अधिकारी बातें करने से हिचकते रहे। मैनिट के डायरेक्टर डॉ. एनएस रघुवंशी ने मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला देकर बात करने से असमर्थता जताई वहीं डीन एनडी मित्तल ने पीआरओ से बात करने को कहा और फ़ोन काट दिया।