MP विधानसभा का मॉनसून सत्र चार घंटे भी नहीं चला, हंगामे के बीच दूसरे दिन ही सत्रावसान

मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाही अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित। 15 जुलाई तक चलना था सदन। दूसरे दिन ही अंतिम सत्र हुआ खत्‍म। बावजूद दो दिन भी नहीं चल सका।

Updated: Jul 12, 2023, 03:46 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाही अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दी गई है। 15वीं विधानसभा का यह आखिरी सत्र था। 11 जुलाई से 15 जुलाई तक 5 दिन सत्र चलना था। लेकिन स्पीकर ने 2 दिन में ही इसे खत्म कर दिया। इन दो दिनों में भी सत्र 4 घंटे ठीक से नहीं चला। विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों दिन 2-2 घंटे ही सदन चला।
 
बुधवार को सत्र के दूसरे दिन अनुपूरक बजट पेश हुआ। भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 26 हजार 816 करोड़ 63 लाख 87 हजार रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। हंगामे के बीच हुक्का बार और तंबाकू से बने उत्पाद के विज्ञापन पर बैन के लिए संशोधित विधेयक पास हुआ।

सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने महाकाल लोक भ्रष्टाचार, आदिवासी अत्याचार, सतपुड़ा भावन की आग के मामले में जांच की मांग को लेकर नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित हुई।

दरअसल, कांग्रेस आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार, सतपुड़ा भवन अग्निकांड, महाकाल लोक निर्माण घोटाला व अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा चाहती थी। लेकिन सरकार चर्चा से भागती नजर आई। सत्रावसान होने के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।

कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा, 'हमारी मांग थी कि आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर स्थगन प्रस्ताव लाया जाए लेकिन शिवराज सरकार सदन में चर्चा के लिए ही तैयार नहीं है। महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, सतपुड़ा भवन में हुए अग्निकांड, महंगाई, बेरोजगारी एवं पूरे प्रदेश में अव्यवस्था। शिवराज सरकार किसी भी चीज़ पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।' बता दें कि 15वीं विधानसभा का यह आखिरी सत्र था। अब सारे विधायक चुनाव जीतकर ही सदन में आ सकेंगे।