शिवराज में बिगड़े राज्य के आर्थिक हालात, 10 महीने में 18वीं बार बाज़ार से क़र्ज़ ले रही सरकार

इस बार बाज़ार से 1 हजार करोड़ रुपये लेगी सरकार, चौथे कार्यकाल में शिवराज सरकार अब तक 17,500 करोड़ रुपये का लोन ले चुकी है, प्रदेश पर कुल 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपये का क़र्ज़ है

Updated: Jan 20, 2021, 05:46 AM IST

Photo Courtesy: ThePrint
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भोपाल। बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने में माहिर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार बाज़ार से कर्ज ले रहे हैं। दस महीनों के इस कार्यकाल में यह 18वां मौके है जब शिवराज सिंह चौहान की सरकार कर्ज़ के लिए बाज़ार में हाथ पसारने जा रही है। इस बार उनकी सरकार एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है।

अपने चौथे कार्यकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक कुल मिलाकर बाजार से 17,500 करोड़ रुपये का कर्ज़ ले चुके हैं। मध्य प्रदेश सरकार पर कुल 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से जीडीपी का एक प्रतिशत अतिरिक्त लोन लेने की परमीशन मांगी थी।

इससे पहले शिवराज सिंह की सरकार ने पिछले महीने भी दो हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। वह कर्ज़ बीस साल के लिए 6.76 प्रतिशत की सालाना ब्याज दर पर लिया गया था। इस बार सोलह साल के लिए एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा रहा है। मार्च 2021 तक शिवराज सिंह की सरकार 1373 करोड़ रुपये का कर्ज़ और ले सकती है।

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कोरोना महामारी और मोदी सरकार के अचानक लॉकडाउन लगाने की वजह से इस वित्तीय वर्ष के दौरान मध्य प्रदेश को करीब 7 हजार करोड़ रुपये कम राजस्व मिला है। केंद्र से जीएसटी के हिस्से के तौर पर 6900 करोड़ रुपये कम मिले हैं। इसके चलते राज्य सरकार और भी ज़्यादा कर्ज़ लेना पड़ रहा है।