वैक्सीनेशन किंग बनने के लिए शिवराज सरकार ने घटा दी थी वैक्सीनेशन की संख्या, सवालों के घेरे में एमपी सरकार का रिकॉर्ड
शिवराज सरकार ने रिकॉर्ड टीकाकरण को खूब प्रचारित किया, लेकिन अब इस रिकॉर्ड की कलई भी खुलने लगी है, शिवराज सरकार ने 21 जून से पहले वैक्सीनेशन की संख्या घटा दी थी, 20 जून को प्रदेश में वैक्सीन की सिर्फ 692 डोज ही लगे थे

भोपाल। शिवराज सरकार ने 21 जून को टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड टीकाकरण किए जाने पर खूब अपनी पीठ थपथपाई। लेकिन अब शिवराज सरकार का खुद का रिकॉर्ड उसके लिए मुसीबत बनकर आया है। शिवराज सरकार के वैक्सीनेशन किंग होने के दावों की अब कलई खुल गई है। शिवराज सरकार पर आरोप है कि उसके वैक्सीनेशन किंग बनने के लिए वैक्सीन के खुराकों की संख्या में पहले ही भारी कटौती कर दी थी।
राज्य सरकार को वैक्सीन किंग बनने की जद्दोजहद कुछ ऐसी थी कि टीकाकरण महाअभियान से ठीक एक दिन पहले पूरे राज्य भर में वैक्सीन कि केवल 692 खुराक लगाई गईं। वैक्सीन की डोज के इस्तेमाल में कमी 17 जून से शुरू हुई। 16 जून को प्रदेश भर में तीन लाख 38 हज़ार 887 डोज उपयोग में लाई गई। लेकिन 17 जून से लगातार इसमें लगातार गिरावट देखी गई।
17 जून को प्रदेश में 1 लाख 24 हज़ार 226 डोज लगाए गए।18 जून को 14,862, 19 जून 22006 डोज लगाए गए। जबकि 20 जून को महज़ 692 डोज को उपयोग में लाया गया। 13 जून से 16 जून तक राज्य भर में औसतन दो लाख 28 हज़ार 784 डोज लगाए गए। लेकिन अगले चार दिनों में कुल एक लाख 61 हज़ार डोज लगाए गए। इस लिहाज से मध्यप्रदेश सरकार ने टीकाकरण किंग बनने के लिए बारह लाख डोज बचा लिए।
भाजपा सरकार के आँकड़ों पर मुझे भरोसा नहीं है। RTI के माध्यम से शासन से जानकारी लेना चाहिए। https://t.co/5oGY9RiXGY
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 23, 2021
अब इस पूरे मामले की कलई खुलने के बाद न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि देश भर में सियासी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि वैक्सीनेशन रिकॉर्ड बनाने के लिए वैक्सीन की जमाखोरी की गई। जबकि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा के आंकड़े भरोसे के काबिल नहीं हैं, इसलिए आरटीआई के माध्यम से असल आंकड़ों की जानकारी लेनी चाहिए।