भर्ती सत्याग्रह के सातवें दिन युवाओं ने शुरू किया क्रमिक अनशन, मांगें नहीं मानी तो करेंगे जेल भरो आंदोलन

21 सितंबर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर युवा इंदौर के दीनदयाल गार्डन के सामने सत्याग्रह कर रहे हैं, अबतक सरकार सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के कारण युवाओं ने अपने संघर्ष को तेज कर दिया है।

Updated: Sep 27, 2022, 09:22 AM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के भर्ती सत्याग्रह का आज सातवां दिन है। हर गुजरते दिन के साथ प्रदर्शनकारी युवा अपने संघर्ष को तेज कर रहे हैं। अबतक बेरोजगार युवा रोज अलग-अलग गतिविधियां कर सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने में लगे थे। लेकिन सकारात्मक जवाब न मिलने से दुखी युवाओं ने मंगलवार से अनशन शुरू कर दिया है।

भोलाराम उस्ताद चौराहे के पास दीनदयाल पार्क के सर्विस रोड पर टेंट लगाकर बैठे 5 युवाओं ने अनशन की शुरुवात कर दी है। उन्होंने बताया कि यह क्रमिक अनशन अब लगातार जारी रहेगा। अनशन में आगे सैंकड़ों की संख्या में युवा शामिल होंगे। फिलहाल रंजीत रघुनाथ, सचिन यादव, सुरेंद्र यादव, सुमित शर्मा और अक्षय राठौर ने अनशन शुरू किया है। 

इससे पहले सत्याग्रह के पांचवें दिन हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए थे। करीब 10-15 हजार छात्रों ने इंदौर शहर में तिरंगा यात्रा निकाली थी।
इससे पहले बेरोजगार युवा रोड़ किनारे खड़े होकर सत्याग्रह में बैठकर थाली बजाते नजर आए। कोरोना काल में जैसे लोगों ने कोरोना को भगाने के लिए ताली और थाली बजाई थी और GO- कोरोना GO कहा था, वैसे ही शनिवार रात को इन बेरोजगार युवाओं ने ताली थाली बजाकर GO बेरोजगारी GO के नारे भी लगाए थे।

उधर सत्याग्रह खत्म कराने के लिए प्रशासन की तिकड़मबाजी भी जारी है। विद्युत सप्लाई बाधित करने के बाद सत्याग्रहियों को पुलिस ने नोटिस भेजकर धमकाया। इसके बाद भी जब सत्याग्रह खत्म नहीं हुई तो अब उनके परिजनों को डराया धमकाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी रंजीत रघुवंशी ने बताया कि उनके परिजनों के ऊपर लगातार पुलिसकर्मी दबाव डाल रहे हैं कि वे मुझे सत्याग्रह स्थल से बुला लें।

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रघुवंशी ने कहा कि, 'पुलिस का ये हथकंडा भी काम नहीं आएगा। प्रशासन हमारी आवाज को दबाने के लिए जो षड्यंत्र चाहे कर ले, लेकिन हमें रोक नहीं सकती। हमें धरने से हटाने का एक ही विकल्प है... "भर्तियां शुरू करो"। उन्होंने बताया कि बुधवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के मौके पर बड़ी संख्या में युवा प्रदर्शन में शामिल होंगे।

प्रदर्शनकारी छात्र बेरोजगारी की समस्या का समग्र समाधान निकालने के लिए मध्य प्रदेश रोजगार कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की प्रमुख मांग ये है कि पिछले कई सालों से रुकी हुई सभी भर्ती प्रक्रियाओं को तत्काल पूरा किया जाए। साथ ही MPPSC की 2019, 2020 और 2021 की भर्तियां जल्द से जल्द पूरी की जाएं। इसके अलावा उन्होंने व्यापम के एक लाख पदों (जिसमें एसआई, पटवारी, कॉन्स्टेबल, एग्रीकल्चर इत्यादि शामिल हैं) को तत्काल भरने की मांग की है।