रेपिस्टों के मां-बाप को भी मिलनी चाहिए सजा, मौका मिला तो मैं बनाऊंगा कानून: भाजपा MLA आकाश विजयवर्गीय
इंदौर बल्ला कांड से विवादों में आए कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय का विवादित बयान, बोले- रेप करने वालों के मां-बाप को भी सजा दो

इंदौर। इंदौर बल्ला कांड को लेकर चर्चा में आए कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। आकाश विजयवर्गीय ने कहा है कि रेप करने वाले आरोपियों के माता-पिता को भी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि केवल बच्चों को पैदा कर छोड़ना ही माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं है, एक बेहतर इंसान बनाना भी है उनका कर्तव्य है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय सोमवार को इंदौर में फूल-माली समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से अच्छे काम करने वाले बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहन मिलता है, उसी तरह अपराध करने वाले बच्चों के माता-पिता को भी सजा मिलनी चाहिए। यही नहीं उन्होंने तो इतना तक कह दिया कि अगर कभी मुझे मौका मिला तो मैं इस पर कानून भी बना दूंगा। रेप करने वालों बच्चों के माता-पिता को दो-तीन साल की सजा मिलनी चाहिए।
"अगर कोई बच्चा बलात्कार करता है तो उसके साथ-साथ उसके माता-पिता को भी मिले 2-3 साल की सजा मिलनी चाहिए। मुझे मौका मिला तो लॉ ही बना दूंगा।"
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) November 21, 2022
BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर से MLA आकाश विजयवर्गीय।
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आकाश विजयवर्गीय के इस बयान पर यूथ कांग्रेस ने तल्ख टिप्पणी की है। मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि, ' मां बाप हमेशा अपने बच्चों को चरित्रवान बनाने की कोशिश करते हैं। कोई नहीं चाहता की उनका संतान गलत रास्ते पर जाए। जैसे इंदौर "बल्ला कांड" की सजा उनके बुजुर्ग पिता कैलाश विजयवर्गीय को नहीं मिलनी चाहिए। क्योंकि उस दिन आकाश ने गुंडागर्दी की थी और इसके लिए कैलाश जिम्मेदार नहीं हैं।'
बता दें कि इससे पहले शिवराज सरकार में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने रेपिस्टों को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'रेपिस्टों को बीच चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उनके शव को लटके रहने दो, शव को चील कौवे नोच-नोच कर खाए। मानव अधिकार आयोग भाड़ में जाए। जब सब लोग इस दृश्य को देखेंगे तो फिर दोबारा बेटियों को हाथ लगाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाएगा।' ठाकुर के इस बयान को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।