मध्य प्रदेश में 1 लाख बुजुर्गों की प्रतिमाह 600 रुपए पेंशन बंद, विभाग ने अपात्र बताकर हटाया नाम

मप्र में इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम से जुड़े एक लाख से अधिक बुजुर्गों को राज्य सरकार ने 600 रुपए प्रतिमाह पेंशन बंद कर दी है।

Updated: Jun 19, 2024, 05:29 PM IST

भोपाल। मप्र में ‘इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम’ से जुड़े एक लाख से अधिक बुजुर्गों की पेंशन पर राज्य सरकार की वक्र दृष्टि पड़ गई। राज्य सरकार ने अलग-अलग पेंशन स्कीम का लाभ ले रहे 1 लाख से ज्यादा बुजुर्गों को राज्य सरकार ने 600 पर प्रतिमाह देना बंद कर दिया। इन बुजुर्गों को अपात्र करते हुए आदेश जारी किया गया कि अब यह बुजुर्ग खुद दोबारा आवेदन करें। विभाग ने कहा कि साबित करें कि वे पेंशन की पात्रता रखते हैं।

सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से जारी आदेश में आधार नंबर के मुताबिक जब नाम, आयु और पता अपडेट किया गया तो यह अपात्र पाए गए। अभी तक इन्हें आयु की पुष्टि के प्रमाण पत्र 60 वर्ष से अधिक आयु, बीपीएल कार्ड तीन फोटो के आधार पर ही पेंशन मिल जाया करती थी। अब आधार के हिसाब से इन्हें सारे दस्तावेज के साथ दोबारा आवेदन करना होगा।

मध्य प्रदेश में फिलहाल करीब 56.5 लाख पेंशन धारक हैं। जिन 1 लाख बुजुर्गों की पेंशन रोकी गई है, उनकी कुल 86 करोड़ रुपये की पेंशन मिलती थी। सरकार कुल 340 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च करती है। सामाजिक न्याय विभाग की ओर से सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया गया है कि अगर कोई अपात्र बुजुर्ग खुद को पात्र साबित करता है तो उसके दस्तावेजों की तुरंत जांच करें। पात्र पाए जाने पर उसकी जानकारी तुरंत भोपाल भेजें। अगर दस्तावेज सही पाए गए तो बुजुर्ग को पेंशन के साथ-साथ एरियर भी दिया जाएगा। 15 जुलाई तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस हमलावर है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि इस योजना के बंद होने से कई बुजुर्ग सड़कों पर आ जाएंगे, भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे। सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए पहले योजना की राशि 1000 करने का वादा किया था। अब स्वार्थ पूरा होने पर बुजुर्गों को भूल गए।