आसान नहीं है राहुल लोधी की राह, टंडन और भाजपा के भीतरघात के साथ चचेरे भाई भी चुनाव मैदान में

राहुल लोधी के चचेरे भाई वैभव सिंह भी चुनावी मैदान में उतरे हैं, वैभव सिंह हरीसिंह डिंडोरिया के बेटे हैं जो कि राहुल लोधी के चाचा हैं

Updated: Apr 04, 2021, 04:39 AM IST

Photo Courtesy: Zee News
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दमोह। दमोह उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राहुल लोधी के लिए राह इतनी आसान नहीं रहने वाली है। कांग्रेस के अजय टंडन और राहुल की उम्मीदवारी का भाजपा के भीतर विरोध के साथ ही उनके चचेरे भाई वैभव सिंह मैदान में उतर गए हैं। जिस वजह से दमोह का उपचुनाव त्रिकोणीय कम बल्कि राहुल लोधी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाला बन गया है। क्योंकि वैभव सिंह की उम्मीदवारी से एक मात्र नुकसान राहुल लोधी को होने की संभावना ज़्यादा है। 

दमोह उपचुनाव में पर्चा भरने वाले वैभव सिंह राहुल लोधी के चचेरे भाई हैं। वे राहुल लोधी के चाचा हरीसिंह डिंडोरिया के बेटे हैं। दमोह क्षेत्र में ओबीसी वोट पर उनका बड़ा प्रभाव है। दमोह सीट पर 38 हज़ार के करीब लोधी वोट हैं। जो कि वैभव सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से बंटने की पूरी संभावना है। यही वजह है कि वैभव सिंह की उम्मीदवारी ने राहुल लोधी के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। 

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दूसरी तरफ वैभव सिंह ने राहुल लोधी के खिलाफ ताल ठोक रखा है। वैभव सिंह का कहना है कि वे चाहते हैं कि चुनाव में चुनाव आयोग उन्हें जूता या चप्पल का निशान दे। राहुल लोधी जब कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे तब क्षेत्र में वापस लौटने पर उनका क्षेत्र की जनता जूतों की मालाओं के साथ स्वागत किया था। राहुल लोधी को लेकर क्षेत्र में पनपी गद्दार की छवि का वैभव सिंह चुनावों में भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं। हालांकि वैभव सिंह ने यह भी कहा है कि इस सीट से उम्मीदवारी वापस लेने के लिए उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। 

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राहुल लोधी के चचेरे भाई के अलावा कांग्रेस और बीजेपी की ओर से मिल रही चुनौतियां भी राहुल लोधी के सामने खड़ी हैं। कांग्रेस के अजय टंडन के अलावा यह भी माना जा रहा है कि वैभव सिंह के सहारे कांग्रेस राहुल लोधी के खिलाफ पिछले दरवाज़े से खेल रही है। क्योंकि क्षेत्र में लोधी वोट बंटने का सीधे तौर पर फायदा कांग्रेस को ही होगा। 

वहीं बीजेपी के भीतरघात से निपटना भी राहुल लोधी के लिए आसान नहीं है। लोधी की उम्मीदवारी से पहले मलैया परिवार के किसी व्यक्ति के टिकट मिलने की भी संभावना जताई जा रही थी। लेकिन बीजेपी ने राहुल लोधी को टिकट देने में ज़्यादा दिलचस्पी दिखाई। जिस वजह से इस चुनाव में राहुल लोधी के लिए चौतरफा मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।