लोन के बदले 39 हजार के मुर्गे डकार गया SBI मैनेजर, बैंक के सामने धरने पर बैठा पोल्ट्री फॉर्म संचालक

पीड़ित पोल्ट्री फॉर्म संचालक ने बताया 12 लाख रुपए के लंबे लोन की प्रक्रिया के दौरान बैंक मैनेजर ने उसके पोल्ट्री फॉर्म से हर शनिवार देशी मुर्गा मंगवाकर दावतें उड़ाई, लेकिन लोन हीं दिया।

Updated: Dec 11, 2024, 03:49 PM IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक बैंक मैनेजर ने महीनों तक लोन का झांसा देकर एक पोल्ट्री फॉर्म संचालक का 39 हजार का मुर्गा खा लिया। लेकिन वादा करने के बाद भी मैनेजर ने पीड़ित को 12 लाख रुपए का लोन नहीं दिया। ठगा सा महसूस कर रहा पोल्ट्री संचालक अब न्याय के लिए अब बैंक के सामने बैठकर धरना दे रहा है।

पीड़ित पोल्ट्री फॉर्म संचालक ने बताया कि 12 लाख रुपए के लंबे लोन की प्रक्रिया के दौरान बैंक मैनेजर ने उसके पोल्ट्री फॉर्म से हर शनिवार देशी मुर्गा मंगवाकर दावतें उड़ाई, लेकिन लोन हीं दिया। पीड़ित ने बैंक मैनजर और अन्य बैंक कर्मियों पर कुल 39,000 का मुर्गा खाने का आरोप लगाया है।

मामला सरगवां गांव का है। पीड़ित पोल्ट्री फार्म संचालक रूपचंद मनहर ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) मस्तुरी शाखा के मैनेजर सुमन कुमार चौधरी ने 12 लाख रुपए का लोन देने का वादा किया था। लोन के बहाने वे 39 हजार का मुर्गा डकार गए। पीड़ित ने बैंक मैनेजर व अन्य बैंक कर्मियों पर भी गंभीर आरोप लगाए।

रूपचंद ने बताया कि उन्होंने पोल्ट्री फार्म के विस्तार के लिए 12 लाख का लोन आवेदन किया था। बैंक मैनेजर ने लोन मंजूरी के लिए पहले 10% कमीशन मांगा, इसके बाद, हर शनिवार मुर्गा पार्टी का सिलसिला शुरू हो गया। करीब दो महीने तक चलने वाली इन पार्टियों में बैंक मैनेजर ने कुल 38,900 के मुर्गे खाए गए, लेकिन लोन अभी तक मंजूर नहीं किया।

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पीड़ित पोल्ट्री फॉर्म संचालक रूपचंत मनहर ने बताया कि उसने बैंक मैनेजर को दावत में खिलाए मुर्गा पार्टी के सभी बिल संभाल कर रखे हैं। पीड़ित के मुताबिक बैंक मैनेजर अब न केवल लोन देने से इन्कार कर रहा है, बल्कि मुर्गों का पैसा लौटाने से भी मना कर रहा है।परेशान रूपचंद ने एसडीएम से शिकायत की है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगा।