पटवारी भर्ती में धांधली के विरुद्ध भोपाल में युवाओं का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को किया गिरफ्तार

हिरासत में लिए जाने पर प्रदर्शनकारी बोले कि पूरे प्रदेश के छात्र यहां जुटेंगे। ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी। युवाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा।

Updated: Feb 28, 2024, 05:25 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच कर रही कमेटी द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के विरुद्ध अभ्यर्थी सड़क पर आ गए हैं। राजधानी में बेरोजगार युवाओं का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर कराना चाहते हैं। उनका कहा कि वे अब दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जुटेंगे।

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले अभ्यर्थी भोपाल के MP नगर चौराहे पर जुटे। यहां धरना देने के बाद वल्लभ भवन की ओर कूच कर गए। पुलिस ने उन्हें व्यापम चौराहे पर बैरिकेड लगाकर रोक लिया। वे आगे बढ़ने की जिद पर अड़ गए। इस पर पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के नजदीक कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।

हिरासत में लिए जाने पर प्रदर्शनकारी बोले कि पूरे प्रदेश के छात्र यहां जुटेंगे। ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी। युवाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा। NEYU संगठन के रंजीत किसानवंशी ने कहा, 'संगठन की सरकार से मांग है कि इन नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए। राजेंद्र कुमार वर्मा कमेटी की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करे।' उन्होंने आरोप लगाया कि बिना जांच रिपोर्ट जारी किए पिछले दरवाजे से 10-15 लाख में पेपर खरीदने वालों को नियुक्ति दी जा रही है। 
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि पटवारी भर्ती परिक्षा में हुई धांधली की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए और हाईकोर्ट की निगरानी में जांच हो। साथ ही सरकार ने नियुक्ति देने का जो निर्णय लिया है उसे तत्काल रोका जाए। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए राधे जाट ने कहा कि अन्याय, भ्रष्टाचार, युवाओं के अधिकारों के लिए एक बार नहीं बार बार जेल जाएंगे, लेकिन फ़र्जियों, घोटालेबाजों, भ्रष्टाचारियो को चैन से नहीं रहने देंगे।

बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच कर रही कमेटी ने कहा है कि परीक्षा में धांधली हुई ही नहीं। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने पटवारी भर्ती परीक्षा के घोषित परिणाम के आधार पर ही नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। जब की जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक भी नहीं की गई है। ऐसे में अब छात्रों ने एक बार फिर सड़क पर संघर्ष करने का निर्णय लिया है।