छिंदवाड़ा में कुएं का गंदा पानी पीने से दो की मौत, 20 लोग अस्पताल में भर्ती, सभी को उल्टी दस्त की शिकायत
21वीं सदी में भी कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण, ढाई सौ की आबादी वाले गांव में नहीं है पानी, ग्रामीण बोले- कुएं का पानी पीना हमारी मजबूरी, उसके बगैर कैसे जी सकते हैं।

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया के पातालकोट स्थित ग्राम चिमटीपुर और रातेड़ में डायरिया फैला हुआ है। यहां कुएं का दूषित पानी पीने से ग्रामीण उल्टी-दस्त का शिकार हुए हैं। हफ्तेभर में चिमटीपुर में उल्टी-दस्त से पीड़ित एक महिला और रातेड़ में एक बच्ची ने दमतोड़ दिया। वही, करीब 20 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
आदिवासी बाहुल चिमटीपुर में डायरिया से जूझ रही 50 वर्षीय अमरवती भारती की मौत हो गई। इसके बाद बीमार मतथे, रज्जू, करन, रंजना, वर्षा, प्रतिक्षा, बिरजू, अदितिका, प्रभा समेत दर्जनभर लोगों को तामिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी तरह रातेड़ में भी डायरिया फैला हुआ है। रातेड़ निवासी बिसनलाल भारती की दो वर्षीय बेटी शारदा की उल्टी-दस्त से मौत हो गई। उसकी दूसरी बेटी को छिंदी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
ग्रामीणों के मुताबिक तेज बारिश से चिमटीपुर छात्रावास के पीछे स्थित कुआं और रातेड़ स्थित झिरिया ओवरफ्लो हुई थीं। बारिश के पानी के साथ गंदगी इन जलस्त्रोतों में चली गई, जिससे यह पानी दूषित हो गया। दूषित पानी पीकर दोनों गांव में डायरिया फैला है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हैंडपंप नहीं है। ऐसे में पानी पीना हमारी मजबूरी, उसके बगैर कैसे जी सकते हैं।
हैरानी की बात ये है कि दो लोगों की असमय मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। इसके बाद गांव में डोर टू डोर सर्वे किया। इनमें से 20 लोग डायरिया से पीड़ित मिले। इनमें से 13 लोगों को तामिया सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, गंभीर 3 लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बाकी का घर पर इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में भी उन्हें बिस्तर नहीं मिल पाया है बल्कि नीचे फर्श पर ही उनका इलाज चल रहा है।