माधव नेशनल पार्क में छोड़े गए दो टाइगर, सिंधिया बोले- पूरे चंबल संभाग की जनता अब बाघों की दहाड़ सुनेगी

माधवराव सिंधिया की जयंती पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी स्थिति माधव नेशनल पार्क में दो बाघों को रिलीज किया, इसके बाद सीएम शिवराज और सिंधिया ने शिवपुरी शहर में रोड शो भी किया।

Updated: Mar 10, 2023, 05:04 PM IST

शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद आज बाघों की दहाड़ सुनाई दी। दरअसल, आज माधवराव सिंधिया जयंती के मौके पर इस पार्क में शुक्रवार को दो बाघ छोड़े गए। केंद्रीय मंत्री सिंधिया और सीएम शिवराज ने संयुक्त रूप से बाघों को बाड़े में रिलीज किया। इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत तमाम भाजपा नेता मौजूद रहे।

जानकारी के मुताबिक पहले चरण में यहां बांधवगढ़ की एक मादा बाघ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से आया एक नर बाघ छोड़ा गया है। हालांकि आज यहां तीन बाघ रिलीज करने की तैयारी थे, लेकिन एक बाघिन पन्ना से माधव राष्ट्रीय उद्यान के लिए नहीं भेेजी जा सकी। फिलहाल दोनों बाघ अपने-अपने बने बाड़े में रिलीज कर दिए गए हैं। पार्क के अधिकारियों के अनुसार उन्हें थोड़ी ही देर में भैंस का मांस भी भोजन के रूप में दिया जाएगा। 

बाघ रिलीज करने के बाद सीएम शिवराज और केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने शिवपुरी शहर में रोड शो भी किया।
रोड शो के बाद दोनों नेता पोलो ग्राउंड पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे है। यहां मौजूद जनसमुदाय को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है। आज मेरे पिता की जयंती है। पुराने ग्वालियर स्टेट में दो मोती होते थे। एक श्योपुर का कूनो, दूसरा माधव नेशनल पार्क। दोनों को मेरे पूर्वजों ने स्थापित किया था। समय के साथ इन दोनों मोतियों से वन्य प्राणी लुप्त होते गए। 27 साल बाद फिर से माधव नेशनल पार्क में बाघ आए हैं। आज इस क्षेत्र का फिर से सम्मान लौटा है।"

सिंधिया ने आगे कहा कि, "अब शिवपुरी ही नहीं पूरे चंबल संभाग की जनता बाघों की दहाड़ सुनेगी। इस योजना के लिए कई बैठकें हुईं। 18 करोड़ रुपए का डीपीआर बना। केंद्र और प्रदेश ने तत्काल इसकी स्वीकृति दी। आज दो टाइगर आएं हैं। तीन बाघ कुछ दिन बाद आएंगे। इससे शिवपुरी की आर्थिक क्षमता बढ़ेगी। मध्य प्रदेश पूरे विश्व में बाघों की राजधानी बन चुकी है। शिवराज जी बाघ ही लेकर नहीं आए हैं। वे 270 करोड़ रुपए की योजना भी लेकर आए हैं।"

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बता दें कि शिवपुरी जिला मुख्यालय से करीब बारह किमी दूर माधव नेशनल पार्क है। यह पार्क विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसा है। बताया जाता है कि यह पार्क कभी मराठा, राजपूत और मुगल राजाओं के शिकार करने के लिए पसंदीदा जगह हुआ करता था। आजादी के 11 साल बाद 1958 में पार्क को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। शुरुआत में पार्क मात्र 167 वर्ग किलोमीटर में फैला था। बाद में 375 वर्ग किलोमीटर तक इसका विस्तार किया गया था, जो अब भी बरकरार है।

पार्क में प्रवेश के लिए दो एंट्री गेट हैं। पहला NH-25 पर, जो शिवपुरी से 5 KM दूर है, जबकि दूसरा गेट NH-3 (आगरा-मुंबई रोड) पर शिवपुरी से ग्वालियर की ओर 7 KM दूर है। पार्क झीलों, जंगलों और घास के मैदानों से भरा है। माधव नेशनल पार्क में अभी नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, हिरण, चीतल, सांभर और बार्किंग मृग रहते हैं। इसके अलावा तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सूअर, शाही, अजगर आदि जानवर पार्क में मौजूद हैं।