बेरोज़गारी से बदहाल हुआ MP, चपरासी और ड्राइवर के 15 पदों के लिए आए 11 हजार उम्मीदवार

प्रदेश के ग्वालियर में चपरासी, चौकीदार और ड्राइवर के पद पर पंद्रह वैकेंसी के लिए शहर में ग्यारह हजार से ज्यादा युवाओं की भीड़ आ पहुंची, इन पदों पर दसवीं पास योग्यता की दरकार थी, लेकिन आवेदन करने वाले युवाओं में पीएचडी डिग्रीधारी युवक भी शामिल थे

Updated: Dec 29, 2021, 09:32 AM IST

Photo Courtesy :  Ndtv
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ग्वालियर। ग्वालियर में चपरासी और ड्राइवर के पदों पर भर्ती के लिए लगी युवाओं की लंबी कतारों ने मध्य प्रदेश में रोज़गार की स्थिति की कलई खोल दी है। चपरासी, चौकीदार और ड्राइवर के महज़ पंद्रह रिक्त पदों पर नौकरी के लिए ग्यारह हज़ार से ज्यादा युवा ग्वालियर पहुंच गए। इनमें से अधिकतर युवाओं ने उच्च शिक्षा ग्रहण की थी। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार और रविवार को ग्वालियर में ग्यारह हजार से ज्यादा की संख्या में मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्य के युवा नौकरी के लिए ग्वालियर पहुंचे थे। पंद्रह रिक्त पदों पर दसवीं पास की योग्यता की दरकार थी। लेकिन आवेदन करने वाले युवाओं ने उच्च शिक्षा ग्रहण कर रखी थी। बेरोजगारी मार झेलने की मजबूरी ने उन्हें भी इन पंद्रह पदों पर आवेदन के लिए विवश कर दिया। आवेदन करने वाले युवाओं में अधिकतर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट थे। जबकि कुछ युवाओं के पास इंजीनियरिंग, एमबीए और पीएचडी की डिग्री भी थी। 

लंबी कतार में लगे एक युवा अजय बघेल ने एनडीटीवी को बताया कि मैं एक साइंस ग्रेजुएट हूं और मैंने चपरासी के पद के लिए आवेदन किया है। पीएचडी डिग्रीधारी भी इस कतार में लगे हुए हैं। लॉ ग्रेजुएट जितेंद्र मौर्य ने कहा कि मैंने ड्राइवर के पद के लिए आवेदन किया है। मैं जज के परीक्षा की भी तैयारी कर रहा हूं। जितेंद्र ने कहा कि परिस्थिति कुछ ऐसी हो गई है कि उनके पास किताब खरीदने के भी पैसे नहीं है, इसलिए उन्होंने कहीं काम मिलने के इरादे से ड्राइवर के पद के लिए आवेदन दिया। 

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बेरोजगारी की इस स्थिति ने मध्य प्रदेश में रोजगार की हकीकत बयां कर दी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में यह वादा किया कि एक साल के भीतर उनकी सरकार एक लाख रिक्त पदों पर भर्तियां निकालेगी। सीएम ने कहा कि हर कोई सरकारी नौकरी ही चाहता है, लेकिन हकीकत यह है कि हर छात्र को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। 

मध्य प्रदेश में 32 लाख 57 हजार और 136 युवा बतौर बेरोजगार रजिस्टर हैं। लेकिन इसके बावजूद सरकारी विभागों में कई पद खाली हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 30,600 जबकि गृह विभाग में 9,388 पद रिक्त हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग में 8,592 और राजस्व विभाग में 9,530 पद रिक्त हैं। 

हाल ही में सरकार की स्ट्रीट वेंडर योजना के लिए पंद्रह लाख आवेदन आए थे। जिसमें 99 हजार लोगों को चयनित किया गया। चयनित किए गए उम्मीदवारों में से अधिकतर ग्रेजुएट थे।  

प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी शिवराज सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि यह शिवराज सरकार द्वारा पिछले 17 वर्षों में किए गए कथित विकास की हकीकत बयां कर रहा है। किसने एक लाख पदों पर भर्तियां निकालने का वादा किया था? कहां गए वो नेता? ये लोग सड़क पर कब उतरेंगे?