छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर शिक्षकों के वैक्सीनेशन में जुटा प्रशासन, 26 से 31 जुलाई तक स्पेशल कैंप

मप्र के चुनिंदा एक्सिलेंस स्कूलों और कालेजों में कैंप लगाकर शिक्षकों और अन्य स्टाफ का किया जा रहा वैक्सीनेशन, जिला और ब्लाक स्तर पर 10 लाख लोगों को लगेगी डोज

Updated: Jul 26, 2021, 08:15 AM IST

Photo Courtesy: The Hindu
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भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूलों के खुलने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन वर्तमान में बड़ी संख्या में शिक्षकों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। इसलिए प्रशासन की ओर से स्कूल और कॉलेज के टीचर्स के साथ स्कूल और कॉलेज प्रबंधन से जुड़ें लोगों के वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 26 जुलाई से हायर एजुकेशन और स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए खास कैंप लगाया गया है। यह हर जिले के चयनित एक्सीलेंस स्कूल और कालेज में आयोजित किया जा रहा है। इस कैंप का आयोजन जिला मुख्यालय के साथ-साथ ब्लाक स्तर पर सुविधा युक्त कालेजों में किया जा रहा है।

सोमवार से शिक्षण संस्थाओं से जुड़े लोंगों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता देने का काम शुरू हो चुका है। शिक्षकों का वैक्सीनेशन छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर अति आवश्यक है। राज्य में 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के स्कूल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल गए हैं। जबकि 5 अगस्त से 9वीं और 11वीं की कक्षाएं लगेंगी, इससे पहले सभी शिक्षकों का वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल बड़ी संख्या में शिक्षकों का वैक्सीनेशन का काम अधूरा है। जिससे बच्चों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। इससे बचने के लिए पूरी तरह स्कूल खुलने से पहले टीचर्स को वैक्सीनेट किया जा रहा है।   

 6 दिनों में 10 लाख लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य

मध्यप्रदेश में 26 जुलाई 31 जुलाई तक जारी खास वैक्सीनेशन कैंप में 10 लाख लोगों के टीकाकरण का टारगेट रखा गया है। इसमें स्कूल और कॉलेज के टीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। विशेष टीकाकरण के लिए मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी जिलों के प्रशासन को आदेश दे दिया है। अगले 6 दिनों तक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।  

भोपाल में बनाए गए 200 टीकाकरण केंद्र

प्रदेश भर में हजारों की संख्या में सेंटर्स बनाए गए हैं। भोपाल में 200 सेंटर्स पर वैक्सीनेशन का काम होगा। जिनमें दोनों वैक्सीन्स कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। इस खास अभियान में कोवीशील्ड की पहली डोज लगाई जाएगी। वहीं जो लोग कोवैक्सिन का पहला डोज ले चुके हैं उनके लिए इसके सेकंड डोज लगाने की सुविधा दी गई है। भोपाल में ऑनलाइन बुकिंग करने पर वैक्सीनेशन कराया जा सकेगा। लेकिन अगर शाम चार बजे के बाद वैक्सीन के डोज बचते हैं तो शहरी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर मौके पर आनसाइट जाकर भी कोरोना का टीका लगवाया जा सकेगा। राजधानी भोपाल में 55 हजार कोवीशील्ड और 5 हजार कोवैक्सिन के डोज उपलब्ध रहेंगे। शहरों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही टीका लगाया जा सकेगा, जबकि गांवों में सेंटर्स पर जाकर अपना आधार कार्ड दिखाकर लोग टीका लगवा सकेंगे।

2 करोड़ 78 लाख से ज्यादा लोग हुए वैक्सीनेटेड

प्रदेश में अब तक करीब 2 करोड़ 78 लाख 67 हजार 459 लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन किया जा चुका है। जिनमें से पहली खुराक 2 करोड़ 33 लाख 15 हजार 344 लोगों को दी जा चुकी है। जबकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 45 लाख 52 हजार 115 है। मध्यप्रदेश में वर्तमान समय में टीका लगवा चुके 1 करोड़ 44 लाख 03 हजार 971 लोग 18 साल से 44 साल के बीच के हैं। जबकि 45 साल से ज्यादा के करीब 80 लाख 56 हजार 786  लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। वहीं 60 साल से ज्यादा के करीब 54 लाख 06 हजार 702 लोगों को कोरोना से सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगाई गई है। अब 26 जुलाई से जारी अभियान में 10 लाख लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें भी शिक्षकों और शिक्षण संस्थाओं के अन्य स्टाफ को प्राथमिकता दी जाएगी।

21 जुलाई से देशभर में वैक्सीनेशन महाअभियान चलाया जा रहा है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द प्रदेश की जनता को कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा कवच के तौर पर वैक्सीन लगा दी जाए। जिससे तीसरी लहर आने ही ना पाए, वहीं वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों से अपील की जा  रही है कि जब तक जरूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें। वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क और दो गज की दूरी का ख्याल रखें।