भोपाल में कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाले दीपक मरावी की मौत

दीपक के बेटे ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद से ही खराब थी पिता की तबीयत, मृतक की पत्नी ने वैक्सीन लगवाने से किया था आगाह

Updated: Jan 10, 2021, 12:11 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना का टीका लगवाने वाले एक शख्स की मौत ने ट्रायल में शामिल वैक्सीन को सवालों के घेरे में ला दिया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक भोपाल के जमालपुरा में रहने वाले दीपक मरावी को उनके निधन से नौ दिन पहले ही वैक्सीन ट्रायल के दौरान कोरोना का टीका लगवाया गया था। दैनिक भास्कर के मुताबिक दीपक भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन के ट्रायल में वालंटियर के तौर पर शामिल हुआ था। दीपक की मौत के बाद मध्य प्रदेश में वैक्सीन के ट्रायल पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या वैक्सीन ने ही ले ली जान

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दीपक मरावी को 12 दिसंबर को टीका लगाया गया था। परिवार के लोगों का आऱोप है कि इसके बाद से ही उन्हें बैचेनी हो रही थी। दीपक से न तो उठा जा रहा था और न ही चला जा रहा था। जिसकी वजह से वो काम भी नहीं कर पा रहे थे। लगातार बीमार रहने के बाद 21 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि उनकी मौत की बात खबरों में अब जाकर आई है। बताया जा रहा है कि दीपक की मौत जिस वक्त हुई, उनके घर में पत्नी और बच्चे कोई भी नहीं थे।

कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स में दीपक मरावी के शरीर में ज़हर मिलने के संकेत हैं, और हार्ट अटैक के कारण मौत होने की बात भी कही गई है। दीपक के बेटे आकाश का कहना है कि उनके पिता की सेहत 19 दिसंबर से बिगड़नी शुरू हो गई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में दिखाने के लिए भी कहा गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल जाने से मना कर दिया था। 21 दिसंबर को जिस समय घर में कोई नहीं था, उसी समय उनकी मौत हो गई।

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आकाश ने हिंदी के एक अखबार से बातचीत में बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। आकाश के मुताबिक दीपक को वैक्सीन लगाने के बाद तो अस्पताल से कई बार फोन आए, लेकिन जब अस्पताल को उनकी मौत की जानकारी दी गई तो वहां से उनकी जांच के लिए कोई नहीं आया। दीपक के बेटे का कहना है कि 7 जनवरी को पीपल्स अस्पताल से वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए फिर फोन आया था, लेकिन जब उन्होंने अपने पिता की मृत्यु की जानकारी दी, तो फोन काट दिया गया।

इस पूरे मामले में दीपक की पत्नी वैजयंती मरावी ने वैक्सीन पर सवाल उठाए हैं। एक हिंदी न्यूज चैनल से दीपक की पत्नी ने कहा है कि वैक्सीन लगाकर आने के बाद कुछ दिनों तक दीपक ठीक रहे। लेकिन 19 दिसंबर से ही उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया था। वो चल तक नहीं पा रहे थे। उनसे उठा-बैठा तक नहीं जा रहा था। 21 दिसंबर को उनके मुंह से झाग निकला और उनकी मौत हो गई। वैजयंती ने कहा है कि उन्होंने पति को वैक्सीन लगवाने के लिए मना किया था। 

45 वर्षीय दीपक मरावी एक दिहाड़ी मजदूर थे और भोपाल गैस पीड़ित भी थे। कुछ दिनों पहले ही यह खबर आई थी कि भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोगों को पूरी जानकारी दिए बिना ही वैक्सीन के ट्रायल के तहत टीका लगा दिया गया है। अब संदेहास्पद स्थिति में दीपक मरावी की मौत काफी सवालों को जन्म दे गई है। पीपल्स अस्पताल के डीन अनिल दीक्षित का कहना है कि उन्हें दीपक मरावी की मौत के बारे में पता है और उनका पोस्ट मार्टम भी कराया गया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।