किसानों की समस्याओं का हल हमारे पास है, गैंती के जवाब में हल लेकर विधानसभा पहुंचे जीतू पटवारी
जीतू पटवारी जब हल लेकर विधानसभा पहुंचे तो उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। इस बात से भड़के विधायन ने कहा कि ये किसानों का प्रतीक है। हम किसानों की बात विधानसभा तक ले जाना चाहते हैं।

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गैंती के जवाब में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी सोमवार को हल लेकर विधानसभा पहुंचे। ऐसे में उन्हें विधानसभा के गेट पर ही रोक दिया गया, जिससे विधायक भड़क गए। जीतू पटवारी ने कहा कि यह किसानों प्रतीक है, अंदर कैसे नहीं जाने दोगे?
दरअसल, एक दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झाबुआ में कांधे पर गैंती लेकर हेलीकॉप्टर से उतरते नजर आए थे। सोमवार को जब विधानसभा का सत्र शुरू हुआ तो जीतू पटवारी गैंती के जवाब में बड़ा सा हल लेकर विधानसभा पहुंच गए। पटवारी ने इस दौरान कहा कि किसानों के खिलाफ किये गए पाप "गैंती"से दफ्न करने की कोशिश न कीजिये शिवराज जी। किसानों की समस्याओं का "हल" हमारे पास है।
#हल हम किसानों का प्रतीक है, जिसे लेकर विधानसभा में जाने से रोकना सरकार की तानाशाही है। यह इंवेंटजीवी सरकार किसानों की आवाज़ को सुनना ही नहीं चाहती है।
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 27, 2023
“जय जवान, जय किसान” pic.twitter.com/vgTG1M31MR
विधानसभा में हल लेकर जाने की कोशिश कर रहे विधायक जीतू पटवारी को गेट पर ही रोक दिया गया। इसपर वह भड़क उठे। पटवारी ने कहा कि अंदर क्यों नहीं जाने दोगे, यह किसानों का प्रतीक है? किसानों की बात अंदर क्यों नहीं जाएगी? शिवराज सिंह जी गैती लेकर हेलीकॉप्टर में चल सकते हैं, तो क्या हम किसानों का प्रतीक हल लेकर विधानसभा में नहीं आ सकते। पुलिस के रोकने पर उन्होंने हल को महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास रख दिया।
आप "गैती" उठाकर 'नौटंकी' कर रहे हैं!
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 27, 2023
हम तो "हल" लेकर हक की आवाज उठा रहे हैं!@ChouhanShivraj जी,
आप यह कब समझेंगे कि सुर्खियां 'समस्या' हल नहीं करतीं? नौटंकी बंद कीजिए और यह बताइए कि #किसान की आय दुगनी कब होगी? गेहूं की खरीद ₹3000 क्विंटल कब होगी?#अंधेरनगरी_मामाराजा pic.twitter.com/7Hkem6lJWV
बता दें कि सोमवार सुबह 11 बजे राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इसके बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 1 मार्च को विधानसभा में बजट पेश किया जाएगा। इस बजट सत्र के दौरान मध्य प्रदेश में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया जाना है। विधानसभा की ओर से इसके लिए विधायकों को टैबलेट दिए जाएंगे। टैबलेट चलाने के लिए ट्रेनिंग भी विधानसभा सचिवालय कराएगा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने डिजिटल बजट का विरोध करने की बात कही है। उन्होंने कहा, विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करूंगा कि मध्यप्रदेश में एससी/एसटी, गरीब, पिछड़े तबके के विधायक हैं। उन्हें पूरी तरह से डिजिटल की जानकारी नहीं है। इस तरह की प्रक्रिया, जिसके पक्ष में ज्यादा लोग नहीं हों, उन्हें पेपर न देकर, डिजिटल बजट देना तानाशाही है।