Liquor politics in MP : शिव'राज' को शराब क्यों चाहिए
स्कूल-कॉलेज, दूध-दवाई किसी की परवाह नहीं, शराब के सिवा: कमल नाथ

मध्यप्रदेश लिकर एसोसिएशन ने फैसला किया है कि प्रदेश भर में शराब दुकानें बंद रहेगी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से चल रही बातचीत के बाद अब लिकर एसोसिएशन ने निर्णय ले लिया है कि अगर सरकार अनुबंध की शर्तों में छूट नहीं देती तो कल से पूरे प्रदेश में शराब दुकान बंद कर दी जाएंगी। दरअसल एसोसिएशन लाकडाउन के कारण शराब व्यवसायी को हुए नुकसान की भरपाई चाहता है। इस बारे में वह अनुबंध के अनुसार करीब 30 फीसदी की राहत चाहता है जिस पर बात नहीं बन सकी। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
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उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश का आमजन यहाँ तक की ख़ुद शराब के ठेकेदार भी नहीं चाहते है कि प्रदेश में शराब की दुकाने अभी खुले लेकिन शिवराज सरकार चाहती है कि इस महामारी में भले धार्मिक स्थल ना खुले, स्कूल-कॉलेज ना खुले,लोगों को दूध,दवाई,आवश्यक वस्तु ना मिले लेकिन शराब ज़रूर मिले,शराब की दुकाने ज़रूर खुले? यह वही लोग है जो विपक्ष में बैठकर प्रदेश में शराब को लेकर रोज़ विरोध करते थे, इसे बहन-बेटियों के लिये ख़तरा बताते थे, प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने के आरोप लगाते थे। आज सत्ता में आकर यही शराब के सबसे बड़े पैरोकार बन गये है। प्रदेश भले कोरोना की चपेट में आता जाये कोई फ़र्क़ नहीं लेकिन शराब की बिक्री अनवरत चालू रहे।
प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश का
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 20, 2020
आमजन , यहाँ तक की ख़ुद शराब के ठेकेदार भी नहीं चाहते है कि प्रदेश में शराब की दुकाने अभी खुले लेकिन शिवराज सरकार चाहती है कि इस महामारी में भले धार्मिक स्थल ना खुले ,
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