राजस्थान में 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ा, देवी-देवताओं की मूर्तियां नदी में विसर्जित की, बौद्ध धर्म अपनाया

मां दुर्गा की आरती करने पर सवर्णों ने दलित समुदाय के दो युवकों के साथ मारपीट की थी। इसी बात से आहत होकर दलितों ने बौद्ध धर्म अपना लिया।

Updated: Oct 22, 2022, 10:48 AM IST

बारां। राजस्थान के बारां जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां उच्च जाति दबंगों से आहत होकर 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया। इन लोगों ने अपने घरों से सभी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को बैथली नदी में विसर्जित कर दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बारां जिले के भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को दलित समुदाय के युवकों राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की आरती का आयोजन किया था। इसी बात से गुस्सा होकर राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने उनके साथ मारपीट की थी। आरोप है कि मारपीट को लेकर समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर राष्ट्रपति तक इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद दलित समाज ने शुक्रवार को आक्रोश रैली निकाली और बैथली नदी पहुंचकर देवी-देवताओं की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया।

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दलितों समुदाय के लोगों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया। यह भी आरोप है कि अब दलित परिवार को लगातार जाने से मारने और गांव से बाहर निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। दलित समाज का कहना है कि अगर आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार नहीं किया गया तो उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, इस मामले को लेकर डीएसपी पूजा नागर ने बताया कि फरियादी ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें सरपंच प्रतिनिधि का नाम नहीं लिखा है। इस घटना को राजनीति तूल दिया जा रहा है।