लोकसभा से आज 49 सांसद सस्पेंड किए गए, अबतक 141 सांसदों को चुकानी पड़ी सवाल पूछने की कीमत
मंगलवार तक कुल 141 सांसदों को सवाल पूछने की कीमत चुकानी पड़ी है। केंद्र सरकार एक दो नहीं बल्कि 141 सांसदों को निलंबित कर चुकी है। मोटे तौर पर संसद को विपक्ष विहीन कर दिया गया है।
नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। संसद के दोनों सदन में मंगलवार को भी सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध देखने को मिला। हालांकि, विरोध दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर सांसदों को सस्पेंड करना शुरू कर दिया। लोकसभा से मंगलवार को 49 सांसद सस्पेंड कर दिए गए।
मंगलवार तक कुल 141 सांसदों को सवाल पूछने की कीमत चुकानी पड़ी है। केंद्र सरकार एक दो नहीं बल्कि 141 सांसदों को निलंबित कर चुकी है। मोटे तौर पर संसद को विपक्ष विहीन कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को लोकसभा से नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी समेत 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में राज्यसभा से जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल समेत 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इन सांसदों की गलती सिर्फ इतनी थी कि वे संसद में घुसपैठ मामले में गृहमंत्री शाह से जवाब मांग रहे थे।
सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने आज दोनों सदनों में जमकर हंगामा भी किया। विपक्षी सांसदों ने सदन से लेकर सदन के गेट और परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत तमाम दिग्गज शामिल हुए। सिर्फ निलंबन ही नहीं, लोकसभा की प्रश्नसूची से 27 सवाल भी हटा दिए गए हैं। ये सवाल निलंबित सांसदों की तरफ से पूछे गए थे।
सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने सांसदों को संसद से निलंबित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आज अकेले लोकसभा से कम से कम 50 और भारतीय सांसदों को निलंबित कर दिया गया! पूर्ण सफाया किया जा रहा है ताकि कठोर विधेयकों को बिना किसी सार्थक बहस के पारित किया जा सके, और ताकि 13 दिसंबर को लोकसभा में दो घुसपैठियों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करने वाले बीजेपी सांसद बेदाग हो जाएं। नई संसद नमोक्रेसी को उसके सभी अत्याचारों में दर्शाती है।"