Amnesty International: मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में बंद किया काम, सरकार पर दमन का आरोप लगाया

Government Witch Hunt: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की बात करने की मिली सजा, ईडी ने सीज किए सारे बैंक अकाउंट

Updated: Sep 29, 2020, 07:23 PM IST

Photo Courtesy: Rabble
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नई दिल्ली। मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संस्थान एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में अपनी शाखा बंद कर दी है। संस्था ने केंद्र सरकार पर मनमाने तरीके से उसे निशाना बनाने का आरोप लगाया है। संस्था ने दावा किया कि उसके बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। जिससे उसे काम बंद करना पड़ा। संस्थान ने भारत में अपने सभी कर्मचारियों की भी छुट्टी कर दी है। 

एमनेस्टी इंडिया इंटरनेशल कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा, "एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया का पिछले दो साल से दमन और अब बैंक अकाउंट फ्रीज कर देना कोई आकस्मिक नहीं है। हाल ही में हमने दिल्ली दंगों और जम्मू कश्मीर में दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर सवाल उठाए थे। हम लगातार सरकारी तंत्र में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। जिसके परिणाम में सरकार और उसकी एजेंसियों ने लगातार हमारा उत्पीड़न किया। इन एजेंसियों में ईडी भी शामिल है। एक ऐसे संस्थान के लिए जिसने हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है, यह हमला और कुछ नहीं बस असहमति को दबाने वाला है।"

यह अभी साफ नहीं है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया पर किस तरह के आरोप लगे हैं। हालांकि, संस्थान का कहना है कि उसने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया। साथ ही संस्थान ने उसके चंदा इकट्ठे करने के तरीके को मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बताने के लिए सरकार की निंदा की। 

हाल ही में बहुत सी संस्थाओं ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से एफसीआरए बिल पर हस्ताक्षर ना करने की अपील की थी। इनका कहना था कि इस बिल को एनजीओ को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। वहीं सरकार का कहना है कि इसे पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लाया गया है।