पूर्व CBI चीफ आलोक वर्मा और उद्योगपति अनिल अंबानी भी थे जासूसों के निशाने पर, रिपोर्ट में दावा

रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2018 में पद से हटाए जाने के तुरंत बाद आलोक वर्मा का फोन जासूसी के निशाने पर आ गया, इसके साथ ही राकेश अस्थाना जिनके खिलाफ वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे उनका फोन भी पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर था, उद्योगपति अनिल अंबानी के फोन भी निगरानी रखी गई थी

Updated: Jul 23, 2021, 05:21 AM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड में आए दिन एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। अंग्रेजी वेब पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि पूर्व सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज सीबीआई के ही पूर्व निदेशक आलोक वर्मा का फोन की पेगासस के जरिए निगरानी की गई थी। खुद राकेश अस्थाना का फोन भी इस जासूसी कांड में शामिल था। 

अंग्रेजी वेब पोर्टल के मुताबिक 23 अक्टूबर 2018 को पद से बर्खास्त किए जाने के बाद से ही आलोक वर्मा की जासूसी शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं आलोक वर्मा के परिवार के आठ सदस्यों के फोन नंबर भी पेगासस के जरिए जासूसी के लिए सूची बद्ध किए गए थे। आलोक वर्मा ने जिन राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया था, उनके फोन को भी पेगासस के जरिए निगरानी में रखा गया। राकेश अस्थाना के साथ साथ संयुक्त निदेशक एके शर्मा भी निगरानी में रहे। उनका फोन भी जासूसी के लिए सूचीबद्ध किया गया। 

21 अक्टूबर 2018 को आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया था। 23 अक्टूबर को उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद वर्मा, अस्थाना और शर्मा को निगरानी में रखा गया। अंग्रेजी वेब पोर्टल के मुताबिक जनवरी 2019 में सेवानिवृत हो जाने तक आलोक वर्मा और इन सभी अधिकारियों की जासूसी होती रही। 

गुजरात कैडर के अधिकारी राकेश अस्थाना को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता रहा है। अस्थाना इस समय बीएसएफ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात हैं। सीबीआई के निदेशक पद पर नियुक्त होने के साथ ही अस्थाना और वर्मा में जंग शुरू हो गई थी। आलोक वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जिसके बाद सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की अनुशंसा पर वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था।

हालांकि वर्मा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गए और राकेश अस्थाना ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को सीबीआई के पद पर दोबारा तैनाती के आदेश दिए। लेकिन वर्मा को बतौर निदेशक कोई भी महत्त्वपूर्ण लेने पर रोक लगा दी गई। दावा है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वर्मा और अस्थाना दोनों की ही जासूसी जारी थी। 

अनिल अंबानी की भी हुई जासूसी 

अंग्रेजी वेब पोर्टल के मुताबिक उद्योगपति अनिल अंबानी को भी जासूसी का शिकार बनाया गया। हालांकि वेब पोर्टल ने यह भी कहा कि इस वक्त अनिल अंबानी उस फोन नंबर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं, इसके बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। अनिल अंबानी के साथ साथ अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के एक अन्य अधिकारी का फोन जासूसी के लिए सूचीबद्ध किया गया। इसमें कॉरपोरेट संचार प्रमुख टोनी जेसुदासन और उनकी पत्नी का नाम भी शामिल है। 

इतना ही नहीं विवादास्पद राफेल विमान सौदे से जुड़े दसॉ एविएशन के भारतीय प्रतिनिधि वेंकट राव पसीना, बोइंग इंडिया के प्रमुख प्रत्युष कुमार और इंद्रजीत सियाल के नंबर भी जासूसी की लिस्ट में थे। वेब पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक इन नंबरों की 2018 से 2019 तक जासूसी की गई।