Indian Army: LAC पर यथास्थिति बहाल करने का प्रयास जारी रहेगा

India China Clash: सेना के अधिकारी की तरफ से पहला ऐसा बयान, प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश की सीमा में कोई नहीं आया

Updated: Jul 28, 2020, 12:41 AM IST

Pic: Swaraj Express
Pic: Swaraj Express

नई दिल्ली। भारतीय सेना के उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा कि एलएसी पर यथास्थिति को बहाल करने के लिए भारतीय सेना अपने सभी प्रयास जारी रखेगी। लेफ्टिनेंट जनरल जोशी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी सीमा में ना तो कोई घुसा है, ना घुसा हुआ है और ना ही किसी ने हमारी पोस्ट पर कब्जा किया है। यह पहली बार जब किसी सैन्य अधिकारी ने इस तरह का बयान दिया है। यह बयान यह भी बताता है कि चीन ने भारतीय भूभाग में कब्जा कर रखा है।

प्रधानमंत्री के बयान के बाद उनके ऑफिस ने सफाई जारी करते हुए कहा था कि वे 15 जून के बाद की स्थिति को बात कर रहे थे। तब से लेकर अब तक एलएसी पर बनी स्थिति को लेकर सरकार की तरफ से विरोधाभासी बयान आए हैं। प्रधानमंत्री के बयान के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए गए अपने इंटरव्यू में चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने कहा था कि भारत आशा करता है कि चीन एलएसी के अपनी तरफ वापस चला जाएगा।

वहीं 17 जुलाई को दिए गए अपने बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “कोई भी ताकत भारत की एक इंच भी जमीन नहीं छू सकती।”

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि बातचीत से हल निकल आना चाहिए, लेकिन इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती। भारत और चीन के बीच तनाव को लेकर कई बार कोर कमांडर स्तर की बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों को लेकर आर्मी के एक रिटायर्ड ऑफिसर ने अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ से कहा, “मुझे लगता है कि पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी तरह सैन्य कमांडरों के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती। राजनीतिक नेतृत्व को आगे आना होगा और पहल करनी होगी।”

बताया जा रहा कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया बाधित हो गई है। खासकर चीनी सेना गलवान घाटी, पैंगोग सो, पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 और डेपसांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जिसके लिए समझौता हुआ था। रिटायर्ड आर्मी अधिकारियों को डर है कि अगर चीनी सैनिक पीछे नहीं गए तो क्षेत्र में यथास्थिति बदल सकती है।