बड़े 50 कर्जदारों पर मेहरबान सरकार

जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले बड़े 50 कर्जदारों का बकाया बट्टे खाते में डाला यानि पैसा आने की उम्‍मीद खत्‍म

Publish: Apr 29, 2020, 01:47 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि विभिन्न बैंकों ने जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले देश के शीर्ष 50 कर्जदारों का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है. कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब है कि उसे वसूले जाने की संभावनाएं ना के बराबर हैं.

इन शीर्ष 50 कर्जदारों में भगोड़े हीरा व्यापारा मेहुल चोकसी का भी नाम शामिल है. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले द्वारा डाली गई याचिका के जवाब में दी.

साकेत गोखले ने ट्वीट करते हुए कहा, “मैंने यह आरटीआई इसलिए दाखिल की क्योंकि 16 फरवरी को संसद के बजट सत्र के दौरान सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट रूप से नहीं दिया.”

आरबीआई ने जवाब में बताया कि बट्टे खाते में डाली गई कर्ज की यह रकम 30 सितंबर, 2019 के आधार पर है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों की जानकारी देने से इनकार कर दिया.

आरबीआई की इस लिस्ट में सबसे ऊपर मेहुल चोकसी के नियंत्रण वाली कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों जिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स का नाम शामिल है. इन कंपिनयों पर कुल मिलाकर 8,100 करोड़ रुपये का कर्ज है.

चोकसी इस समय एंटीगुआ और बारबाडोस का नागरिक है, वहीं उसका भतीजा और भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी इस समय लंदन में है. सूची में दूसरा नाम संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला की कंपनी आरईआई एग्रो लिमिटेड है. इस कंपनी पर 4,314 करोड़ रुपये का कर्ज है.

एक और भगोड़े हीरा व्यापारी जतिन मेहता की कंपनी विन्सम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का 4.076 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया है. कोठारी ग्रुप की कानपुर बेस्ड रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट भी इस सूची में शामिल है. उसे दो हजार करोड़ रुपये की सूची में रखा गया है.

पंजाब के कुडोस केमी समूह का 2,326 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया है. बाबा रामदेव एंड बालकृष्ण समूह की कंपनी रुची सोया इंडस्ट्रीज का 2,212 करोड़ रुपये और जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्वालियर का 2.012 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया है. दो हजार करोड़ रुपये से कम के मामलों में 18 कंपनियों के कर्ज को आरबीआई ने बट्टे खाते में डालने की मंजूरी दी है.