वैक्सीन पर उठे सवाल तो साथ आए सीरम और भारत बायोटेक, देशहित की दी दुहाई

वैज्ञानिकों ने वैक्सीन को दिए गए अप्रूवल पर उठाए सवाल तो अब तक आपस में लड़ रहे सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक आए एक साथ

Updated: Jan 05, 2021, 10:50 PM IST

Photo Courtesy : New Indian Express
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नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिली आपातकालीन मंज़ूरी पर वैज्ञानिकों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद दोनों टीकों को बनाने वाले संस्थान अब साथ आ गए हैं। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट अब साझा बयान जारी करके देशहित में काम करने की दुहाई दे रहे हैं। बयान में दोनों कंपनियों ने सहज तरीके से टीकाकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने की बात कही है। दोनों कंपनियां लोगों की ज़िंदगी बाकी किसी भी बात से ज़्यादा ज़रूरी है। हालांकि इससे पहले तक दोनों कंपनियां एक-दूसरे की वैक्सीन पर सवाल उठा रही थीं।

दोनों कंपनियों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अब चूंकि उन्हें वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी मिल चुकी है, लिहाज़ा उनका पूरा ध्यान अब टीका के निर्माण और उसके वितरण पर है। कंपनियों ने कहा है कि उनका पूरा प्रयास इस बात को लेकर रहेगा कि जिसे वैक्सीन की सबसे अधिक आवश्यकता है उसे वैक्सीन आसानी से मुहैया हो सके। साझा बयान में कहा गया है कि दोनों ही कंपनियां वैक्सीनेशन के इस अभियान में लगी हुई हैं और देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझती हैं। 

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दोनों कंपनियों की ओर से संयुक्त बयान आना दिलचस्प इसलिए है क्योंकि वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप कांग और अन्य वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन की मंज़ूरी पर सवाल उठाए जाने से पहले यह दोनों कंपनियां एक दूसरे की वैक्सीन पर सवालिया निशान खड़े कर रही थीं। सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने नाम लिए बिना यहाँ तक कह दिया था कि फाइज़र, मॉडर्न और उनकी वैक्सीन के अलावा बाकी वैक्सीन पानी की तरह सुरक्षित हैं, लेकिन वे कितनी असरदार हैं, इसका पता नहीं है। इसके बाद भारत बायोटेक ने कहा कि ऑक्सफ़ोर्ड आस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के ट्रायल में साइड इफेक्ट्स ज़्यादा हैं, जिसे दबाने के लिए वैक्सीन के साथ पैरासिटामॉल दी जाती थी। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।

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अब जबकि भारतीय वैज्ञानिकों ने दोनों कंपनियों के ऊपर ही सवाल खड़े कर दिए, ऐसे में दोनों कंपनियों का अब अचानक साथ आना बेहद ही दिलचस्प है। हाल ही में सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपाताकालीन उपयोग की मंज़ूरी मिली है। कोविशील्ड आस्ट्राजेनेका नामक कंपनी द्वारा तैयार की गई है जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने विकसित किया है।