क्या बिहार भाग गया बीजापुर हमले का मास्टरमाइंड दुर्दांत नक्सली हिड़मा, खुफिया इनपुट के बाद अलर्ट हुई जमुई पुलिस

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज होने के बाद बिहार के जमुई जिले के जंगली इलाकों में नक्सली दस्ते की आवाजाही बढ़ने की सूचना, खुफिया इनपुट के बाद बिहार पुलिस को किया गया अलर्ट

Publish: Apr 06, 2021, 11:06 AM IST

जमुई/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए बड़े नक्सली हमले के बाद नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। राज्य और केंद्र की टीमों ने इस कायराना हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा और सुजाता को ढूंढकर निकालने के लिए कमर कस ली है। हालांकि, अबतक हिड़मा की कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसी बीच खुफिया जानकारी मिली है की छत्तीसगढ़ हमले के मास्टरमाइंड बिहार में शरण ले सकते हैं।

खुफिया रिपोर्ट् के मुताबिक बिहार के नक्सल प्रभावित जिले जमुई में बीजापुर हमले के बाद नक्सली दस्ते की आवाजाही बढ़ गई है। बिहार पुलिस ने भी इस खुफिया रिपोर्ट के आधार पर जमुई में सर्च अभियान शुरू कर दिया है। साथ ही राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। आशंका है कि छत्तीसगढ़ हमले का मास्टरमाइंड हिड़मा और सुजाता बिहार में शरण लेने की योजना बना सकते हैं। 

इस बात की भी आशंका है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का बदला बिहार में बड़े वारदात को अंजाम देकर लेने की योजना नक्सलियों द्वारा बनाई जा सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर झारखंड के गिरिडीह जिला से सटे चकाई और खैरा इलाके में पुलिस गस्ती तेज कर दी गई है। साथ ही खैरा थाना क्षेत्र के गिद्धेश्वर जंगल में बड़े स्तर पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। 

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जमुई में नक्सलियों के दस्ते की आवाजाही बढ़ने की रिपोर्ट के बाद खुफिया विंग को चौकस कर दिया गया है। मुंगेर और लखीसराय सीमा से सटे बरहट और लक्ष्मीपुर के जंगल में भी नक्सलियों की तलाश जारी है। इसके अलावा गया और औरंगाबाद पुलिस को भी विशेष अलर्ट पर रखा गया है। राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में अर्द्धसैनिक बल और पुलिस साझा तौर पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। 

कौन है 22 जवानों का हत्यारा हिड़मा

छत्तीसगढ़ सुकमा और बीजापुर जिले में बीते शनिवार को टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ के दौरान 22 जवान शहीद हो गए तथा 31 अन्य जवान जख्मी हो गए। मुठभेड़ के बाद से कोबरा बटालियन का एक जवान लापता भी है। इस कायराना हमले के लिए पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बटालियन-1 के कमांडर हिडमा और सुजाता को मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

बताया जाता है कि बस्तर में माओवादियों का जोन बंटा हुआ है। हिड़मा मूल रूप से बीजापुर और सुकमा की सीमा के पास जगरगुंडा पुलिस थाना अंर्तगत पूवर्ती गांव का रहने वाला है। उसकी बटालियन दक्षिण बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों की कमान संभालती है। छत्तीसगढ़ के नक्सली दुनिया के नेतृत्व में वह एक अपवाद है। चूंकि, उसके अलावा माओदियओं का शीर्ष नेतृत्व दूसरे राज्यों का रहा है। सेंट्रल कमेटी का सदस्य न होने के बावजूद हिड़मा के जोन में उसी के मनमाफिक कार्य किए जाते हैं।

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दक्षिण बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित इलाकों में हिड़मा के जुबान से निकली बात ही नक्सलियों की कानून होती है। सात स्तरों की सुरक्षा घेरे के बीच रहने वाला हिड़मा हमेशा Ak-47 से लैस रहता है। नक्सल की दुनिया में उसे एक नायक की तरह पेश किया जाता है और नक्सलियों के बीच उसके कथित वीरता के किस्से सुनाए जाते हैं।

कौन है सुजाता

सुजाता छत्तीसगढ़ की मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडरों में से एक है। महिला होने के बावजूद वह बेहद खूंखार और क्रूर मानी जाती है। दिसंबर 2019 में जब तत्कालीन कमांडर रमन्ना की मौत हुई थी तब हिड़मा के प्रोमोशन की बात हुई थी। लेकिन इसके उलट अस्थाई रूप से सुजाता को ही कमान की जिम्मेदारी दी सौंपी गई थी। वर्तमान में वह डिवीजन कमेटी की प्रभारी है। सुजाता किशन जी की पत्नी है। पुलिस ने हिड़मा और सुजाता दोनों पर 25 लाख का इनाम रखा है।